मानव द्वारा वृहद परिमाण पर भूमिगत जल निकाल कर सिंचाई करने के कारण पृथ्वी की धुरी बदल रही है ! – अनुसंधान  

अत्यधिक सिंचाई के कारण विश्वभर में समुद्र का स्तर बढ गया है !

विश्वभर में समुद्र का स्तर बढ गया

न्यूयॉर्क (यू.एस.ए.) – भूजल, नागरिकों और पशुओं के लिए पीने का पानी प्रदान करता है और वर्षा कम होने पर खेती की सिंचाई में सहायक होता है, किन्तु नए शोध से ज्ञात हुआ है कि एक दशक से अधिक समय तक निरंतर भूजल सिंचाई के कारण , हमारी पृथ्वी जिस अक्ष पर परिभ्रमण करती है, वह प्रति वर्ष परिणामत: पूर्व की ओर अनुमानित ४.३ सेंटीमीटर प्रति वर्ष से स्थानांतरित हो रहा है। यह परिवर्तन पृथ्वी के धरातल पर भी देखा जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप, वैश्विक समुद्र स्तर में वृद्धि हुई है, शोधकर्ताओं ने १५ जून को ´जर्नल जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स´ में प्रकाशित एक प्रतिवेदन में ऐसा उल्लेख किया है।

१. १९९३ से २०१० के बीच मानव ने धरती के गर्भ से २,१५० अरब टन से ज्यादा भूजल निकाला। शोध में कहा गया है कि इस पानी का अधिकांश हिस्सा पश्चिमी उत्तरी अमेरिका और उत्तर पश्चिम भारत से है।

२. वर्ष २०१६ में, शोधकर्ताओं के एक अन्य दल ने पाया कि २००३ और २०१५ के बीच पृथ्वी के घूर्णन अक्ष में बदलाव, ग्लेशियरों और बर्फ की परतों में बदलाव से संबद्ध था। उसी प्रकार इसका संबंध पृथ्वी के भूजल के भंडारण से भी है।

संपादकीय भूमिका 

‘प्रकृति मनुष्य के लिए है और मनुष्य को इसे नोच कर उपभोग करने का अधिकार है’, इस पश्चिमी अवधारणा के कारण ऐसे विनाशकारी जलवायु परिवर्तन हो रहे हैं, तो इसमें आश्चर्य क्या है!