सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय !
नई देहली – उत्तराखंड में घटित एक प्रकरण में १४ वर्ष की एक लड़की का उसीके वर्ग में पढ़नेवाले लडके ने अश्लील विडियो बनाकर अपने वर्गमित्रों को भेजा था । पीड़ित लड़की ने अपकीर्ति (बदनामी) के भय से आत्महत्या कर ली । यह घटना अक्टूबर २०२३ में हुई थी । इस प्रकरण में लड़के को जमानत मिलने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका डाली गई थी । इससे पहले जिला न्यायालय और उच्च न्यायालय ने लडके को जमानत नकार दिया था ।
जमानत नकारते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि यह लड़का बड़ा अनुशासनहीन है । यह बुरी संगति में पड़ गया है, इसे कठोर अनुशासन में रखने की आवश्यकता है । यदि इसे छोड़ दिया गया तो, यह और भी अनुचित कार्य करेगा । इसलिए, उसे जमानत देना उचित नहीं होगा । तब लड़के की मां सर्वोच्च न्यायालय गई । उसकी याचिका पर न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मित्तल ने उच्च न्यायालय के निर्णय को उचित ठहराते हुए लड़के को जमानत देने से इनकार कर दिया ।