प्रसार भारती ने हिंदी समाचार चैनल ‘डीडी न्यूज’ के लोगो का रंग बदलकर भगवा कर दिया !
‘प्रसार भारती’ के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी और तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने इसकी आलोचना की है ।
‘प्रसार भारती’ के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी और तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने इसकी आलोचना की है ।
चूंकि हिंदू सहिष्णु हैं, इसलिए उन्होंने लव जिहाद के खिलाफ केवल हजारों की संख्या में एक गांव से दूसरे गांव तक शांतिपूर्वक मार्च किया; इसलिए इसका असर न तो लव जिहाद पर पड़ा और न ही प्रशासन पर ! और कितनी लड़कियों के साथ दरिंदगी होने के बाद प्रशासन और हिंदू जागेंगे ?
इस व्यवसाय की आपराधिक पृष्ठभूमि की गंभीर प्रकृति को ध्यान में रखते हुए गृह विभाग को भिखारियों के पीछे कार्यरत आपराधिक टोलियों को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, ऐसी मांग लोगों द्वारा की जा रही है।
इससे विदित होता है कि बहुसंख्यक हिन्दुओं के कर से प्राप्त अधिकांश धन अल्पसंख्यकों को सुविधाएं प्रदान करने पर व्यय होता है। यह धन व सुविधाएं प्राप्त करने वाले अधिकांश अल्पसंख्यक धर्मांध कट्टरपंथी मुसलमान विभिन्न प्रकार के जिहाद और राष्ट्र-विरोधी कृत्यों में लिप्त हैं।
सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए धन सीधे स्थानीय स्वराज्य संस्थाओऺ जैसे जिला परिषदों और पंचायत समितियों द्वारा प्राप्त किया जाता है; किन्तु सरकार का ये लेखा परीक्षण विवरण इंगित करता है कि अधिकाधिक योजनाओं में भ्रष्टाचार है। इनमें से अनेक प्रकरणों में पुनर्निरीक्षण तथ्यों से घोटाले उजागर होने के उपरांत पैसे की वसूली भी हो चुकी है; किन्तु दोषियों पर कोई दंडनीय कार्रवाई नहीं की गयी।
उद्धव बाळासाहेब ठाकरे पार्टी के चुनाव प्रचार गीत में ‘जय भवानी, जय शिवाजी’ घोषणा है । इस संदर्भ में पत्रकार परिषद में अपनी भूमिका प्रस्तुत करते हुए उन्होने ऐसा कहा
विधायकों और सांसदों के विरुद्ध हत्या, बलात्कार, आक्रमण आदि के गंभीर प्रकृति के २ सहस्त्र ३३१ आपराधिक प्रकरण विशेष न्यायालयों में लंबित हैं। इनमें उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक १,१३७ प्रकरण हैं, जबकि महाराष्ट्र में लंबित प्रकरणों की संख्या ४१९ है ।
उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और पुलिस को दिया आदेश !
महाराष्ट्र सरकार के उपक्रमों को अथवा कंपनियों को ३ सहस्र ६२३ करोड ४० लाख रुपए का घाटा (हानि) हुआ है । कुल कंपनियों में से ४५ कंपनियां घाटे में, ४७ कंपनियां लाभ में हैं, तो १८ कंपनियां ‘ना लाभ ना हानि’ ऐसी स्थिति दर्शाती है ।
हिंदी सिनेमा (बॉलीवुड) में विवाहबद्ध होने वाले जोडों में वास्तविक प्रेम नहीं होता। अभिनेत्री नोरा फतेही ने एक साक्षात्कार में कहा था कि वे केवल पैसे और प्रसिद्धि के लिए विवाह करते हैं।