आयुर्वेद की औषधियां एवं उनकी समाप्ति तिथि (एक्सपायरी डेट)
आयुर्वेद के चूर्ण, गोलियां, दंतमंजन, केश तेल इत्यादि औषधियों पर निश्चित समाप्ति तिथि (एक्सपायरी डेट) लिखी होती है । इस दिनांक के उपरांत औषधि लेने पर, उसका कुछ दुष्परिणाम होता है क्या ?
आयुर्वेद के चूर्ण, गोलियां, दंतमंजन, केश तेल इत्यादि औषधियों पर निश्चित समाप्ति तिथि (एक्सपायरी डेट) लिखी होती है । इस दिनांक के उपरांत औषधि लेने पर, उसका कुछ दुष्परिणाम होता है क्या ?
भारत की जनता की मानसिकता एवं जनता के लिए योग्य क्या है ? इस पर अभ्यास कर, कृति करने पर ही आवारा कुत्तों की समस्या का प्रश्न सुलझ पाएगा; परंतु इसे करते समय राजनीतिक इच्छाशक्ति भी आवश्यक है, तब ही ये सभी बातें साध्य होंगी !
अधिकांश लोगों को इस संकट के विषय में कुछ जानकारी ही नहीं । इसलिए प्रत्येक को इसका वैध मार्ग से विरोध करना चाहिए’, ऐसा मार्गदर्शन सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी ने किया ।
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में सनानत संस्था की ओर से हिन्दू राष्ट्र- जागृति अभियान के अंतर्गत अनेक मंदिरों में हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु मनौती, प्रतिज्ञा लेना एवं शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हुआ ।
कर्नाटक की साम्यवादी (कम्युनिस्ट) पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या प्रकरण में पिरोए गए एवं हिन्दुओं के पक्ष में लडनेवाले हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ता पी. कृष्णमूर्ति पर १२ अप्रैल की रात को अज्ञातों ने गोलीबारी की । हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा कर्नाटक राज्य के पुलिस महासंचालक को निवेदन प्रस्तुत |
यहां के एन.सी.आर. एवं मथुरा में ११ स्थानों पर तथा फरीदाबाद, पानीपथ ‘गदापूजन’ संपन्न हुआ । इसका लाभ ६०० भक्तों ने लिया ।
यहां के विद्यालय सनातन धर्म विद्या भवन R-4, रघुनाथ मंदिर, अलकनंदा, कालकाजी में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा 30 EWS (Economically weaker section) विद्यार्थियों को भोजन वितरण किया गया ।
इस अवसर पर उपस्थित जिज्ञासुओं को कुलदेवी एवं श्री गुरुदेव दत्त के नामजप का महत्त्व बताया गया ।
‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजीकी गुरुसे हुई भेंट एवं उनका गुरुसे सीखना’ इस ग्रंथ मे पढिये सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजीके प्रथम ग्रन्थ ‘अध्यात्मशास्त्र’ से अधिक चैतन्य प्रक्षेपित होता है, यह दर्शानेवाला वैज्ञानिक परीक्षण
‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के वर्ष २००८ से २०२१ के ६ छायाचित्र आगे दिए हैं । इस छायाचित्र में उनका चेहरा एवं मान की त्वचा, आंखें, चेहरे के भाव आदि १ से २ मिनट तक देखें । इससे विशेषतापूर्ण अनुभव होता है क्या ?’, इसका अध्ययन करें । सभी छायाचित्र की एक समान विशेषताएं एवं प्रत्येक छायाचित्र के निरालेपन का भी अध्ययन करें ।