आगामी भीषण काल का सामना करने के लिए प्राथमिक उपचार सीखें !

‘प्राथमिक उपचार’ का साधारण अर्थ है, रोगी को चिकित्‍सकीय उपचार मिलने तक उस पर किए जानेवाले आरंभिक उपचार ! आधुनिक भागदौडभरी जीवनशैली के स्‍वास्‍थ्‍य पर बढते दुष्‍प्रभाव के कारण जहां हृदयविकार समान कुछ गंभीर रोग बढ रहे हैं, वहीं आधुनिक यंत्रों के उपयोग से बढती दुर्घटनाएं इत्याद़ि के साथ ही भावी तृतीय विश्वयुद्ध, प्राकृतिक आपदा, दंगे आदि का विचार करें;

अग्‍निशमन के माध्‍यम

अल्‍प मूल्‍य में तथा सर्वत्र एवं सहजता से प्राप्‍त होनेवाला ‘पानी’ अग्‍निशमन का प्रभावी माध्‍यम है । जलती लकडी, कागद जैसे कार्बन युक्‍त पदार्थों पर अथवा धातु पर निरंतर पानी का फुहारा छोडने से पानी जलते पदार्थों से उष्‍णता अवशोषित (सोखता है) करता है ।

महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय की ओर से आयोजित कार्यशाला में जिज्ञासुओं का परात्‍पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने किया मार्गदर्शन

परात्‍पर गुरु डॉक्‍टरजी ‘स्‍पिरिचुअल साइंस रिसर्च फाउंडेशन’ संस्‍था के प्रेरणास्रोत हैं । उन्‍होंने समूचे विश्‍व में अध्‍यात्‍म का प्रचार करने के लिए ‘महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय’ की स्‍थापना की है ।

रसोई बनाते समय पदार्थ में मिर्च का उपयोग अत्‍यल्‍प मात्रा में करें !

‘पूर्वकाल की गृहिणियां सात्त्विक थीं । उनके आचार-विचार सात्त्विक थे, इसलिए उनकी बनाई रसोई सात्त्विक और स्वादिष्ट लगती थी । अपनी दादी के हाथ की बनी सात्त्विक रसोई आज भी अनेक लोगों को स्मरण है । वर्तमान विज्ञानयुग में मानव का जीवन अत्यंत भागदौड से भरा और तनावपूर्ण हो गया है ।

श्री गणेश जयंती माघ शु.प. ४ (१५ फरवरी)

माघ शुक्ल पक्ष चतुर्थी को गणेश तरंगें प्रथम बार पृथ्वी पर आई थीं । अत: इस दिन ‘श्री गणेश जयंती’ मनाई जाती है । इसकी विशेषता यह है कि इस दिन गणेश तत्त्व १००० गुना अधिक कार्यरत रहता है ।

वसंत पंचमी

ऐसा कहा जाता है कि कामदेव मदन का जन्म इसी दिन हुआ । दांपत्य-जीवन सुख से बीते, इस उद्देश्य से लोग रति-मदन की पूजा एवं प्रार्थना करते हैं ।

अधिवक्ता श्री. गोरा चंद मल्लिक द्वारा ‘क्रिसमस’ और ३१ दिसंबर के दिन फटाके जलाने के विषय पर गृह मंत्रालय तथा राज्य सरकार को निवेदन !

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal) द्वारा जारी एक सूचना में  क्रिसमस और ३१ दिसंबर की रात को ११.५५ से लेकर १२.३० तक हरित पटाखे जहां की हवा की गुणवत्ता सामान्य तथा अच्छी है ऐसे क्षेत्र में जलाए जा सकते हैं, ऐसा निर्देश दिया गया था;

मकर संक्रांति पर सर्वोच्च न्यायालय के अधि. आर. वेंकटरमणिजी, अधि. पू. हरि शंकर जैन तथा अधि. विष्णु शंकर जैन से सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी की सदिच्छा भेंट !

अधि. वेंकटरमणिजी से जब कहा कि आपसे मिलकर बहुत आनंद होता है, तो उन्होंने सद्गुरुजी से भेंट होने के विषय में कहा, ‘आपका आना ही हमारे लिए त्योहार है, आपसे आज के दिन भेंट होना मेरा सौभाग्य है !’

स्वामी विवेकानंदजी ने अपने गुरु के आशीर्वाद से हिन्दू धर्म का प्रसार विश्‍व में किया, उसी प्रकार परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के आशीर्वाद से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ! – श्री. मानस सिंह राय, भारतीय साधक समाज

श्री. शंभू गवारे ने बताया कि ‘जिस प्रकार स्वामीजी ने अपना पूरा जीवन हिन्दू धर्म की सेवा हेतु समर्पित किया, उसी प्रकार आज हिन्दू राष्ट्र अर्थात धर्मराज्य स्थापना हेतु हमें समर्पित होनेकी आवश्यकता है ।’