भारत को रोकने के लिए पाकिस्तान ने तालिबान को जन्म दिया ! – पूर्व अफगान मंत्री का दावा

यह पुन: स्पष्ट करता है, कि कैसे पाकिस्तान भारत में आतंकवादी गतिविधियों को करवाने के प्रयत्न करता रहा है ! क्या भारत में होने वाली आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए, भारत शीघ्रातिशीघ्र पाकिस्तान को समाप्त करेगा ?

काबुल हवाईअड्डे पर शीघ्र ही पुनः आक्रमण होने की संभावना ! – अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चेतावनी दी है, कि आतंकवादी शीघ्र ही काबुल हवाई अड्डे पर पुनः आक्रमण कर सकते हैं ।

Exclusive : पाक में तालिबान के विरोध में बोलना भी ईशनिंदा ही है ! – राहत ऑस्टिन, मानवाधिकार कार्यकर्ता, पाकिस्तान

पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के विरोध में एक शब्द भी न बोलनेवाले हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होने पर ‘अभिव्यक्ति स्वतंत्रता’ की खुराक देते हैं । हिन्दुओं, ऐसे लोगों हिन्दूद्वेष जानें एवं उनका वैधानिक मार्ग से विरोध करें !

जांबिया में येशू के पुनर्जिवित होने के प्रसंग का स्वयं पर प्रयोग करते समय पादरी की मृत्यु !

सदैव ही श्रद्धालु हिन्दुओं की आलोचना करनेवाले बुद्धिजीवी क्या इस पर कुछ बोलेंगे ?

जब तक भारत में हिन्दू बहुसंख्यक हैं, तब तक ही संविधान, धर्मनिरपेक्षता, कानूनव्यवस्था बनी रहेगी ! – गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल

इसे स्थायी रुपसे बनाए रखने के लिए, भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित कर, देश में समान नागरिक कानून, जनसंख्या नियंत्रण कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून आदि कानून बनाने का कोई विकल्प नहीं है !

कोरोना का छद्म परीक्षण ब्योरा प्रस्तुत करने के  प्रकरण में ७ धर्मांध गिरफ्तार !

देश में ऐसा एक भी आपराधिक कृत्य नहीं है, जो धर्मांध नहीं करते !

बिहार में ईसाई धर्मप्रसारकों द्वारा पिछले ३ वर्षाें में १० सहस्र हिन्दुओं का धर्मांतरण !

अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोग धर्मांतरण के सर्वाधिक चपेट में !

स्वास्थ्य मंत्रालय की महिला कर्मचारी काम पर लौटें ! – तालिबान की अपील

ध्यान दें, कि देश में शरीयत लागू करने वाले तालिबान को अब महिलाओं की आवश्यकता है, क्योंकि, स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है !

कोरोना पर काबू पाने के उपरांत भी वर्ष भर बने रहते हैं उसके लक्षण ! – शोध का निष्कर्ष

अध्ययन के अनुसार, चिकित्सालय में भर्ती किए गए कोरोना रोगियों में ४९ प्रतिशत रोगियों में लगभग एक वर्ष तक कोरोना के लक्षण देखे गए । यह मेडिकल जर्नल, “द लैंसेट” की प्रकाशित नवीन प्रतिवेदन के निष्कर्ष में कहा गया है ।