इसे स्थायी रुपसे बनाए रखने के लिए, भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित कर, देश में समान नागरिक कानून, जनसंख्या नियंत्रण कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून आदि कानून बनाने का कोई विकल्प नहीं है ! – संपादक
कर्णावती (गुजरात) – ‘संविधान, धर्मनिरपेक्षता एवं कानून तब तक काम करेगा जब तक हिन्दू बहुसंख्यक हैं । मेरे शब्द लिखकर रखो, यदि हिन्दुओं की संख्या अल्प हो जाती है, तो उस दिन ना कोई न्यायालय होगा, ना कोई कानून, ना कोई लोकतंत्र और ना कोई संविधान, सब कुछ हवा में दफनाया जाएगा । आप चाहें तो मेरा वक्तव्य चित्रीकरण कर रख सकते हैं’, ऐसा वक्तव्य गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने किया । वे गांधीनगर के भारत माता मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे । भारत माता के इस मंदिर को देश का भारत माता का प्रथम मंदिर माना जाता है । इस अवसर पर, राज्य के गृहमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा, विश्व हिन्दू परिषद एवं रा स्व संघ के वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे ।
नितिन पटेल ने आगे कहा,
१. मैं यह बात सबके संबंध में नहीं कर रहा हूं । मैं स्पष्ट कर देता हूं कि देश के लाखों मुसलमान देशभक्त हैं । लाखों ईसाई देशभक्त हैं । गुजरात पुलिस में सहस्रों मुसलमान हैं । वे सभी देशभक्त हैं । (ऐसे देशभक्त देश के धर्मांधों एवं जिहादियों के विरुद्ध क्यों नहीं बोलते ? वे खुलकर विरोध क्यों नहीं करते ? – संपादक)
२. यदि एक धर्म से जुडा व्यक्ति किसी अन्य धर्म के व्यक्ति से बिना किसी बल प्रयोग के, बिना प्रलोभन के अथवा बिना छल कपट का मार्ग अपनाए विवाह करता है, तो ऐसे विवाहों को धर्मांतरण के उद्देश्य से किया गया विवाह नहीं ठहराया जा सकता है ।
३. मैं धर्मांतरण विरोधी कानून का विरोध करने वाले संगठनों से पूछना चाहता हूं, कि यदि हिन्दू युवतियां हिन्दू युवाओं से, मुसलमान युवतियां मुसलमान युवाओं से, ईसाई युवतियां ईसाई युवाओं एवं सिख युवतियां सिख युवाओं से विवाह कर रही हैं, तो आपको क्या आपत्ति है ?
४. यदि कोई हिन्दू युवक किसी मुसलमान युवती के साथ छलकपट कर उससे विवाह करता है, तो उस पर भी यही कानून लागू होगा । यह कानून किसी धर्म विशेष के लिए नहीं बनाया गया है ।