बिहार में ईसाई धर्मप्रसारकों द्वारा पिछले ३ वर्षाें में १० सहस्र हिन्दुओं का धर्मांतरण !

अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोग धर्मांतरण के सर्वाधिक चपेट में !

  • इससे संपूर्ण देश में धर्मांतरणबंदी कानून लागू करने की आवश्यकता स्पष्ट होती है । इतनी बडी संख्या में धर्मांतरण होते हुए क्या सरकारी तंत्र सोए हुए थे ?- संपादक

  • बिहार में जनता दल (संयुक्त) एवं भाजपा की सरकार सत्ता में है । ऐसी घटनाओं को रोकने हेतु कठोर कदम उठाने आवश्यक !- संपादक
(प्रतिकात्मक छायाचित्र)

पटणा – बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में ईसाई धर्मप्रसारकों द्वारा अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के समुदाय के लोगों का बडी संख्या में धर्मांतरण किया जा रहा है । बांका जनपद के चांदन, कटोरिया एवं बांसी के ग्रामवासी इस धर्मांतरण के बलि चढ गए हैं, साथ ही जयपुर, भैरवगंज, बाबूमहल, आमगाछी, बसमत्ता, चांदनसहित विविध क्षेत्रों में स्थित चर्च धर्मांतरण के केंद्र बन चुके हैं ।

१. हिन्दुओं को उनके धर्मग्रंथों के संबंध में अनुचित जानकारी देकर उनके मन में ईसाई पंथ के प्रति आकर्षण उत्पन्न किया जाता है । विशेषरूप से ग्रामीण क्षेत्रों के निर्धन लोगों को लालच देकर उनका धर्मांतरण किया जाता है । हाल ही में गया एवं सारण में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं ।

२. इस संदर्भ में दैनिक ‘जागरण’ ने डॉ. राहुलकुमार का विस्तृत ब्योरा प्रकाशित किया है । इसमें बताए अनुसार पिछडे क्षेत्रों में प्रति रविवार के दिन चर्च के प्रतिनिधि एक बैठक का आयोजन करते हैं, साथ ही धर्मांतरण करनेवालों के लिए प्रति रविवार येशू की प्रार्थना भेजी जाती है । पिछले २ – ३ वर्षाें में अनुमानित १० सहस्र से अधिक लोगों का धर्मांतरण किया गया है ।

३. यातायात बंदी की अवधि में इस क्षेत्र में हथपंप (हैंडपम्प) बनाए गए, जिन्हें ‘जीजस वेल’ कहा गया । इसके संबंध में ‘येशू ने इन हथपंपों में प्रवेश किया है; इसलिए वे एक पानी का प्राकृतिक माध्यम बन गए हैं’, ऐसा लोगों को बताया गया । जो परिवार धर्मांतरण करते हैं, उन्हें हथपंप बनाकर दिए जाते हैं ।

४. ईसाई बने परिवार के बच्चों को शिक्षा के लिए चर्च में बुलाया जाता है, वहां उन्हें कुछ सामग्री दी जाती है, साथ ही लडकियों के विवाह के लिए पैसे दिए जाते हैं ।

५. कुछ दिन पूर्व बिहार के सारण में धर्मांतरण होने के समाचार प्रसारित हुए । ईसाई मिशनरी लालच देकर हिन्दुओं का धर्मांतरण कर रहे हैं । ग्रामवासियों के अनुसार एक वर्ष में ५०० से भी अधिक लोगों ने धर्मांतरण किया है । इसमें महिलाओं की संख्या अधिक है । जुलाई २०२१ में दैनिक ‘भास्कर’ में दी गई जानकारी के अनुसार पिछले २ वर्षाें में अनुमानित ६ गांवों मे धर्मांतरण किया गया है ।

५. दैनिक ‘भास्कर’ द्वारा प्रकाशित ब्योरे में बांका के पुलिस अधीक्षक अरविंद गुप्ता का मत अंतर्भूत किया गया है । उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है; इसलिए कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म का स्वीकार करने के लिए स्वतंत्र है ।’’ धर्मांतरण के प्रकरण के संदर्भ में उन्होंने बताया कि बलपूर्वक धर्मांतरण करना अपराध है;  परंतु अभीतक हमें इसकी कोई शिकायत नहीं मिली है । शिकायत मिली, तो कार्यवाही की जाएगी । (२ बडे समाचारपत्र लालच देकर धर्मांतरण किए जाने की बात कह रहे हैं; परंतु ऐसा होते हुए भी पुलिस प्रशासन उसकी अनदेखी करता है, जो क्षोभजनक है । ऐसी पुलिस हिन्दुओं  की क्या रक्षा करेगी ? – संपादक)