Ramlala Pran Pratishtha : श्रीराम के खुले नेत्र दिखानेवाली मूर्ति का छायाचित्र प्रसारित करनेवालों की पूछताछ होनी चाहिए !
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की मांग !
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की मांग !
जब हिन्दू कर्मचारी कार्यालय में तिलक लगाते हैं या सत्यनारायण की पूजा करते हैं, तब उन्हें ´ संविधान निधर्मवादी है ´ का उपदेश देने वाले निधर्मवादी ऐसे समय कहां छुप जाते हैं ?
श्रीराममंदिर में श्रीरामलला के विग्रह में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए ८ से १० हजार अतिथियों को निमंत्रण दिया गया है ।
१९ जनवरी को शाम ७ बजे से अस्थायी रूप से श्री राम जन्मभूमि पर श्री राम मंदिर में दर्शन की अनुमति नहीं होगी । यह निर्णय प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के प्रादुर्भाव के कारण लिया गया है।
वह इस्लामिक स्टेट के अलीगढ समूह से संबंधित है । वह मूलरूप से प्रयागराज का रहने वाला है ।
अधिकांश फलक अयोध्या के विविध प्रवेशद्वारों पर लगाए गए हैं ।
‘मुस्लिमों का लाभ एवं हिन्दुओं के लिए कानून’ इस प्रकार धार्मिक पक्षपाती कानून तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बनाए थे । केंद्र की मोदी सरकार को ये कानून रद्द करने चाहिए, ऐसी मांग इस समय की गई ।
कट्टरपंथी मुस्लिम समुदाय किसी मंदिर की तोडफोड करता, तो क्या समाजवादी पार्टी ने उस पर गोलीबारी की होती ?
डॉ. अनिल मिश्र ने १६ जनवरी के प्रायश्चित्त पूजन में सहभाग लिया । अब आगेके ७ दिन वे यजमान रहेंगे ।
सभी शंकराचार्यों को श्रीराम मंदिर में श्रीराम मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के समारोह में सहभागी होना चाहिए । हमने उन्हें प्राणप्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रण भेजा है । मुझे लगता है कि यह अवसर श्रेय का नहीं है । मान-अपमान का नहीं है ।