UP Lawyers Namaz : उत्तर प्रदेश में अभियोग की सुनवाई छोडकर धर्मांध कट्टरपंथी अधिवक्ता ने पढी नमाज !

लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – राष्ट्रीय अन्वेषण संस्थान के विशेष न्यायालय के न्यायाधीश विवेकानन्द शरण त्रिपाठी ने शुक्रवार को नमाज अदा करने के लिए न्यायालय की कारवाई बीच में छोडने वाले अधिवक्ताओं के व्यवहार पर तीव्र खेद व्यक्त किया । न्यायमूर्ति त्रिपाठी ने कहा कि अधिवक्ताओं को यह स्मरण रखना चाहिए कि ”कर्म ही पूजा है” तथा उन्हें अपने न्यायिक कर्तव्यों का सम्मान करना चाहिए। । इसके साथ ही न्यायालय ने अवैध धर्मांतरण प्रकरण में ‘न्याय मित्र’ देने के आदेश भी दिए, जिससे यदि मुसलमान अधिवक्ता न्यायालयीन कार्य के समय नमाज पठन के लिए जाते हैं, उस समय ´न्याय मित्र´ न्यायालयीन कारवाई चालू रख सकें  ।

१. न्यायमूर्ति त्रिपाठी ने अवैध धर्मांतरण प्रकरण में आरोपी मौलाना कलीमुद्दीन तथा अन्य के विरुद्ध  आपराधिक प्रकरण की सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया । न्यायालय ने उन अधिवक्ताओऺ की याचिका भी निरस्त कर दी जिन्होंने आरोपी मौलाना की ओर से कुछ कागज पत्र मांगे थे।

२. इस प्रकरण की सुनवाई के समय साक्ष्यों से तर्क का समय तय किया गया था। मध्यान्ह १२.२० बजे अधिवक्ता मोहम्मद अमीर नदवी तथा अधिवक्ता जिया-उल-जिलानी ने न्यायालय से कहा, ‘ lआज चूंकि शुक्रवार है, हम न्यायालयीन कार्यवाही जारी नहीं रख पाएंगे।’

३. न्यायालय  ने उनसे कहा, ‘आपको न्यायालय के बाहर जाकर नमाज पढने की स्वीकृति प्रदान करना योग्य नहीं होगा। यदि मुसलमान अधिवक्ता न्यायालय के बाहर नमाज पढने जाते रहे तो सुनवाई पूरी नहीं होगी ।

४. न्यायालय के निर्देश के होते हुए भी अधिवक्ता न्यायालय की कारवाई छोडकर चले गये। (न्यायाधीश के ज्ञापन को कचरे की टोकरी में डालने वाले धर्मांध कट्टरपंथी अधिवक्ता ! – संपादक) इसके उपरांत न्यायालय  ने अधिवक्ताओं को चेतावनी देते हुए कार्यवाही स्थगित कर दी ।

संपादकीय भूमिका 

जब हिन्दू कर्मचारी कार्यालय में तिलक लगाते हैं अथवा सत्यनारायण की पूजा करते हैं, तब उन्हें ´संविधान निधर्मवादी है´ का उपदेश देने वाले, निधर्मवादी ऐसे समय कहां छिप जाते हैं ?