पाकिस्तान को असम देने वाले थे नेहरू!
नेहरू पाकिस्तान को असम देनेवाले थे, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए यह आरोप लगाया।
नेहरू पाकिस्तान को असम देनेवाले थे, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए यह आरोप लगाया।
उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में, स्यानाचट्टी एवं रानाचट्टी के मध्य भूधंसाव के कारण यमुनोत्री राजमार्ग २० मई की संध्याकाल से भारी वाहनों के लिए बंद है, जिसके फलस्वरूप सहस्रों तीर्थयात्री यमुनोत्री क्षेत्र में फंसे हैं ।
तृणमूल कांग्रेस का अन्य देशों के नागरिकों को उम्मीदवारी देना देशद्रोह ही है ! ऐसे दलों पर कार्यवाही होनी चाहिए !
कर्नाटक राज्य में मूसलाधार वर्षा के कारण स्थान-स्थान पर पानी एकत्रित होने से हुई दुर्घटनाओं में ९ लोगों की मृत्यु हो गई और अनेक लोग घायल हो गए ।
बिहार में २० मई के दिन अचानक भारी वर्षा हुई । कुछ घंटे हुई वर्षा के कारण राज्य में बडी हानि हुई है । १६ जिलों में बिजली गिरने से ३३ लोगों की मृत्यु हो गई ।
मुसलमानों का अवैध अतिक्रमण तोडने का कार्य कर रहे प्रशासन का विरोध करने वाली समाजवादी पार्टी कानून विरोधी एवं संविधान विरोधी है !
काशी विश्वनाथ के मंदिर को तोड़ा गया और वहां ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किया गया, यह इतिहास सर्वविदित है। हालांकि, पिछली साढ़े तीन शताब्दियों से मुसलमानों ने हिंदुओं को ये स्थान नहीं दी हैं और आज भी वे सर्वेक्षणों के माध्यम से साबित होने के बाद भी इसका विरोध करने के लिए अदालत जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में उनसे ऐसी अपेक्षा करना कितना उचित होगा?
असम के लखीमपुर के हर्काचुंगी माध्यमिक इंग्लिश स्कूल की मुख्याध्यापिका दालिमा नेसा ने विद्यालय में भोजन के डिब्बे में गोमांस का पदार्थ लाकर वो शिक्षकों को देने के प्रकरण में उन्हें बंदी बनाया गया । न्यायालय ने उन्हें न्यायिक हिरासत की सजा सुनाई है ।
देश के और विदेश के कितने मुसलमान सत्य इतिहास स्वीकार कर ऐसा बताने का साहस कर रहे हैं , ऐसा विचार किया, तो ‘एक भी नहीं’, ऐसा ही उत्तर मिलता है । इसका अर्थ यह है कि धर्मनिरपेक्षता और अन्य धर्मों का आदर केवल हिन्दुओं को करना चाहिए और अन्य हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों पर आघात करें , ऐसा ही होता है, यह बात हिन्दू कम से कम अब तो समझें ?
मस्जिदों के पास हिन्दुओं के धार्मिक ही नहीं, अपितु सामाजिक कार्यक्रम के समय भी पथराव कर आक्रमण किया जाता है । इस संदर्भ में विधर्मिवादी एवं आधुनिकतावादी मुंह क्यों नहीं खोलते ?