टीका प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री मोदी के छायाचित्र का विरोध करने वाली याचिका केरल उच्च न्यायालय ने निरस्त की
याचिकाकर्ता पर लगाया गया १ लाख का जुर्माना !
याचिकाकर्ता पर लगाया गया १ लाख का जुर्माना !
केरल में माकपा की सरकार होने से और धर्मांधों द्वारा हिन्दू संगठन के नेता की हत्या की जाने से इस प्रकरण की जांच करने में जानबूझकर ढिलाई बरती जा रही है, ऐसा किसी ने कहा, तो उसमें आश्चर्य कैसा ?
भारत में हिन्दुओं का यह मत है, कि भारत सरकार को भारत में उन मुसलमानों को सहायता और सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए, जो अपने धार्मिक भाइयों के इस प्रकार के विश्वासघाती कृत्यों से रुष्ट होते हैं और हिन्दू धर्म में परिवर्तित होना चाहते हैं !
यदि हिन्दुओं का मंदिर गिराकर, वहां निर्मित बाबरी ढांचे का हिन्दुओंद्वारा तोडा जाना धर्मांध नहीं भूलेंगे; तो हिन्दू ही यह क्यों भूलें कि, मुसलमान आक्रमकोंने देश में साढे चार लाख मंदिरों को तोडा था ?
ऐसे वासनांध, ‘शिक्षक’ कहलाने के पात्र हैं क्या ? सरकार को ऐसों को आजीवन कारावास में डालना चाहिए !
‘त्रावणकार देवस्वम् बोर्ड’ को ब्योरा प्रस्तुत करने का उच्च न्यायालय का आदेश
केरल की ‘ललित कला अकादमी’ की ओर से देश, हिन्दू धर्म और गाय का अनादर करनेवाले कार्टून को पुरस्कार दिए जाने का प्रकरण
पुलिस ने कुछ दिन पूर्व, यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक संजीत की हत्या के प्रकरण में, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक कार्यकर्ता को बंदी बना लिया है ।
“शबरीमला मंदिर का ‘अरावणा पायसम’ प्रसाद, मंदिर परिसर में ‘अल-ज़ाहा’, इस अरबी नाम से कैसे उपलब्ध है एवं क्या वह ‘हलाल’ के रूप में प्रमाणित है ?” यह प्रश्न अभी भी अनुत्तरित है । क्या किसी मुसलमान द्वारा हिन्दू मंदिर में प्रसाद बनाया जाता है ? क्या यह प्रचार एक षड्यंत्र है ? क्या केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार इसकी जांच करेगी ?
केरल में हिन्दूद्वेषी माकपा की सरकार होने से हिन्दुओं की और हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही है । भविष्य में ये हत्याएं ना हो, इसके लिए केंद्र सरकार को हस्तक्षेप कर वहां के हिन्दुत्ववादियों की रक्षा का प्रयास करना चाहिए, ऐसा हिन्दुओं को लगता है !