थिरुवनंतपुरम (केरल) – मुझे बंदी बनाकर मुख्यमंत्री विजयन पिनराई ने रमजान के उपलक्ष्य आतंकवादी मुसलमानों को भेंट दी है, पूर्व विधायक एवं कांग्रेस के पूर्व नेता पी.सी. जॉर्ज ने ऐसी टिप्पणी की है । न्यायालय द्वारा जॉर्ज की प्रतिभूति (जमानत) सम्मत करने पर वे संवाददाता से बात कर रहे थे । कथित आपत्तिजनक विधान करने पर जार्ज को बंदी बनाया गया था ।
मैं मेरे कथन पर अडिग ! – जॉर्ज
जॉर्ज और बताते हैं, मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मेरे कथन पर अभी भी अडिग हूं । मैंने अनुचित विधान किया होता, तो वह विधान वापस लेकर क्षमा मांगने में भी मैं पीछे नहीं रहता । मेरा भाषण हिन्दू महासम्मेलन में हुआ था । मैंने वहां यही कहा था कि मुझे मुसलमान कट्टरवादियों के चुनावी मतों की आवश्यकता नहीं है । जो भारत से प्रेम नहीं करता, ऐसे किसी भी व्यक्ति के, चाहे वे ईसाई, मुसलमान अथवा हिन्दू क्यों न हों, मुझे उनके मत नहीं चाहिए । ऐसा विधान करने पर मुझे धर्मांध कैसे कहा जा सकता है ?, उन्होंने ऐसा प्रश्न भी उपस्थित किया ।
क्या कहा था पी.सी. जॉर्ज ने ?
पी.सी.जॉर्ज ने हिन्दू महासम्मेलन में भाषण देते हुए कहा था, ‘मुसलमानों के उपहारगृहों में हिन्दुओं को नंपुसक बनाने का प्रयत्न किया जाता है । वहां चाय जैसे पेय में औषधि डाली जाती है, जिससे व्यक्ति नंपुसक हो जाता है । अत: ऐसे उपहारगृहों का बहिष्कार किया जाए । अन्य धर्मियों को नंपुसक बनाकर मुसलमान देश पर नियंत्रण करना चाहते हैं और स्वयं की जनसंख्या भी बढा रहे हैं’ । इस कथन से जॉर्ज के विरुद्ध परिवाद प्रविष्ट कर उन्हें बंदी बनाया गया था ।