मधुबनी (बिहार) में अस्मतुल्लाह ने स्वतंत्रता दिवस पर जलाया राष्ट्रध्वज !
ऐसी घटनाएं देश के मुस्लिमों की देशभक्ति पर शंका ही दर्शा रही हैं । क्या धर्म-निरपेक्षवादी एवं आधुनिकतावादी यह सूत्र ध्यान में लेंगे ?
ऐसी घटनाएं देश के मुस्लिमों की देशभक्ति पर शंका ही दर्शा रही हैं । क्या धर्म-निरपेक्षवादी एवं आधुनिकतावादी यह सूत्र ध्यान में लेंगे ?
पुलिस ने इस हत्या के प्रकरण में ८ लोगों पर अपराध प्रविष्ट किया और इसके अन्वेषण के लिए ४ पथक स्थापित किए हैं ।
सीताराम नाम के विद्यालय में ऐसा काम होने देना, यह धर्माभिमानशून्य हिन्दुओं के लिए लज्जास्पद !
इस संबंध में प्रविष्ट सभी याचिकाओं को निरस्त कर दिया है ।
ऐसे वासनांधों को बीच चौराहे पर फांसी देने की मांग किसी ने की तो उसमें क्या गलत ?
इतने गंभीर आरोप होने पर बिहार पुलिस आरोपियों को कैसे छोड सकती है ? संबंधित पुलिस अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही की जाए !
ऐसा अपमान यदि अन्य पंथियाें के श्रद्धास्थानाें का किया जाता, तो पुलिस ने स्वयं तत्काल कार्यवाही की होती । बहुसंख्यक हिन्दू ऐसा रौब पुलिस और सरकारी व्यवस्था में कब निर्माण करेंगे ?
बहुसंख्यक हिन्दुओं के देश में असुरक्षित हिन्दू एवं उनके मंदिर ! यह स्थिति हिन्दुओं के लिए लज्जाजनक !
जिहादी आतंकवादियों का मदरसों में छिपकर बैठने की बात अनेकों बार सामने आई है । मदरसों में अनेक अवैध काम होने की बात भी बार-बार सामने आती है । ऐसा होते हुए भी सरकार भारत के मदरसों को ताले क्यों नहीं लगाती, ऐसा प्रश्न राष्ट्रप्रेमियों के मन में आ रहा है !
क्या यह प्रदर्शन हिंसक हो गया था ? यदि नहीं, तो पुलिस ने एक नेता के मरने तक लाठी प्रहार क्यों किया ? पुलिस पर भी सदोष हत्या का अभियोग पंजीकृत हो !