RJD MLA Controversial Statement : बिहार के सत्ताधारी राष्ट्रीय जनता दल के विधायक फतेह बहादुर सिंह कुशवाहा ने श्री सरस्वती देवी पर की अश्लील टिप्पणी

विद्यालयों में श्री सरस्वती देवी के स्थान पर सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा लगाने की मांग की !

पाटलीपुत्र (बिहार) – बिहार के सत्ताधारी राष्ट्रीय जनता दल के (‘राजद’ के) विधायक फतेह बहादुर सिंह कुशवाहा ने विद्या के देवी श्री सरस्वती देवी पर अश्लील टिप्पणी की है । उन्होंने विद्यालयों में श्री सरस्वती देवी की प्रतिमा के स्थान पर सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा लगाने की मांग की । वे पत्रकारों से बात कर रहे थे । ७ जनवरी को सावित्रीबाई फुले की जयंती है । इस पृष्ठभूमि पर उन्होंने यह वक्तव्य दिया । विधायक ने कहा कि आपके ही ग्रंथों में लिखा है कि, सुरसती (सरस्वती) जो ब्रह्मा की कन्या है, उस पर ब्रह्मा की दृष्टि पडी तथा उन्होंने सुरसती से विवाह किया । इससे आप समझ सकते हैं कि पूजा किस की होती है, चरित्रहीन की अथवा चरित्रवान की ? यह मैंने नहीं, कबीर ने कहा है ।

इसके पहले कुशवाहा ने श्री दुर्गादेवी पर की थी अश्लील टिप्पणी !

विधायक कुशवाहा ने इसके पहले श्री दुर्गादेवी पर टिप्पणी करते हुए कहा तथा प्रश्न पूछते हुए कहा था कि ‘दुर्गादेवी की कथा काल्पनिक है’, ‘यदि दुर्गादेवी का अस्तित्व है, तो वह ब्रिटिशों से भारत को बचा क्यों नहीं पाईं ?’ कुशवाहा ने स्वयं को ‘महिषासुर का वंशज’ कहा था । (ऐसे वंशज क्या कभी हिन्दुओं के देवताओं का आदर कर सकते हैं ? – संपादक) कुशवाहा ने कहा था कि हिन्दू धर्मशास्त्र के अनुसार भगवान शिव तथा अन्य देवताओं के आवाहन के उपरांत श्री दुर्गादेवी की उत्पत्ति हुई थी । इसलिए भगवान शिव उसके पिता हो जाते हैं । दूसरी ओर उसे ‘महागौरी’ भी कहा जाता है । इससे वह भगवान शिव की पत्नी बन जाती है । उन्होंने ऐसा प्रश्न भी पूछा था कि ‘क्या इसका अर्थ यह है कि भगवान शिव ने अपनी ही कन्या से विवाह किया ?

आमदार कुशवाहा ने आगे कहा था कि यह सब मनुवादियों का षड्यंत्र है । महिषासुर की हत्या करने के लिए उन्होंने श्री दुर्गादेवी का उपयोग किया । महिषासुर का वध नहीं, अपितु हत्या हुई थी । क्या मनुवादी यह बता पाएंगे कि किस मैदान में दुर्गादेवी ने महिषासुर से युद्ध किया तथा रात में कौनसा युद्ध करने के लिए जा रही थीं ?

संपादकीय भूमिका 

  • स्वयं को आधुनिकतावादी कहलानेवाले लोग विद्या की देवी श्री सरस्वती देवी पर पीछले अनेक दशकों से टिप्पणी कर रहे हैं; परंतु तत्पश्चात भी हिन्दुओं की श्रद्धा पर कुछ परिणाम नहीं हुआ और होगा भी नहीं; क्योंकि वे देवी की महिमा जानते हैं !
  • हिन्दुओं के देवताओं की इस प्रकार अवमानना करनेवालों पर कार्यवाही नहीं की जाती; परंतु इस्लाम की अवमानना की जाने पर तुरंत कार्यवाही होती है अथवा उसके अनुयायी सीधे कानून हाथ में लेकर अपराधी कृत्य करते हैं ! हिन्दू सहिष्णु हैं, इसलिए ऐसा कुछ नहीं करते !