Death Sentences Dilsukhnagar Blast Convicts : भाग्यनगर में वर्ष २०१३ में हुए बम विस्फोट में सम्मिलित ५ जिहादी आतंकवादियों के फांसी के दंड को मान्य रखा गया है।

तेलंगाना उच्च न्यायालय का निर्णय

भाग्यनगर (तेलंगाना) – भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित ‘इंडियन मुजाहिदीन’ नामक जिहादी आतंकवादी संगठन के ५ आतंकवादियों को निचले न्यायालय द्वारा सुनाया फांसी के दंड को तेलंगाना उच्च न्यायालय ने मान्य रखा है । वर्ष २०१४ में भाग्यनगर के दिलसुखनगर क्षेत्र में हुए दो बम विस्फोटों में ये आतंकी सम्मिलित थे । इन विस्फोटों में १८ लोगों की मृत्यु हो गई थी, जबकि १३१ लोग घायल हुए थे ।

१३ दिसंबर २०१६ को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के न्यायालय ने इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक मोहम्मद अहमद सिद्दीबापा उर्फ यासिन भटकल, पाकिस्तानी नागरिक जिया-उर-रहमान उपनाम वकास, असदुल्ला अख्तर उर्फ उपनाम तसहीन अख्तर उपनाम मोनू तथा एजाज शेख को दोषी ठहराया था ।

संपादकीय भूमिका

  • वर्ष २०१३ में हुए बम विस्फोट की घटना में वर्ष २०२५ में आया निर्णय न्याय नहीं, अपितु अन्याय है ।
  • अब ये आतंकवादी इस निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देंगे । वहां इसका निर्णय कितने वर्षों बाद आएगा ?, यह कहा नहीं जा सकता । अगर वहां भी फांसी का दण्ड निश्चित रहा तो फिर राष्ट्रपति के पास दया प्रार्थना भेजी जाएगी । उस पर कितने दिनों में निर्णय होगा ?, यह भी स्पष्ट नहीं है । प्रार्थना अमान्य होने के बाद फांसी की कार्रवाई कब सुनिश्चित होगी ?, यह भी कहना कठिन है ।