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काठमांडू – नेपाल में राजशाही और हिन्दू राष्ट्र की पुनर्स्थापना के लिए हिन्दुओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। इस दौरान हुई हिंसा में तोडफोड और आगजनी शामिल थी। इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इस हिंसा में एक युवक घायल हो गया। इस मामले में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि चूंकि यह एक देश का आंतरिक मामला है, इसलिए हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
🚨 Violent Protests in Kathmandu (Nepal) Demanding a Hindu Rashtra! 🇳🇵
Protesters demand power be handed over to King Gyanendra!
⚠️ Warning issued: Agitation to intensify if demands are not met!
🇮🇳 India declines to comment on the situation.pic.twitter.com/7KNqqKDG5E
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 28, 2025
१. नेपाल की जनता देश में व्याप्त भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और लगातार हो रहे तख्तापलट से पीड़ित है। वहां से वे राजतंत्र और हिन्दू राष्ट्र की मांग कर रहे हैं। नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र ने १९ फरवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर जनता से समर्थन मांगा था। तब से देश में ‘राजा को वापस लाओ, देश बचाओ’ आंदोलन चल रहा है।
२. इस विरोध प्रदर्शन में ४० से अधिक नेपाली संगठनों ने भाग लिया। प्रदर्शनकारी ‘राजा, देश बचाओ’, ‘भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद’ और ‘हमें राजशाही वापस चाहिए’ जैसे नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को एक सप्ताह की समयसीमा दी है। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगों पर कार्यवाही नहीं की गई तो बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन होंगे।
३. इस आंदोलन का नेतृत्व ८७ वर्षीय नवराज सुवेदी कर रहे हैं। नवराज सुवेदी ने कहा कि हम अपनी मांगें शांतिपूर्ण तरीके से रख रहे हैं; लेकिन अगर हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली तो हम विरोध प्रदर्शन तेज करने के लिए मजबूर होंगे। हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमारा लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाता ।