महिला महापौर ने ५ मंदिरों को अतिक्रमण से मुक्त किया
कानपुर (उत्तर प्रदेश) – शहर की महापौर प्रमिला पांडे ने राज्य में संभल, बरेली तथा अलिगढ के मुसलमानबहुल क्षेत्र में बंद हिन्दू मंदिर मिलने के उपरांत शहर के मुसलमानबहुल क्षेत्रों में जांकर जांच आरंभ की । इस क्षेत्र में ५ मंदिरों के बंद होने की तथा जीर्ण स्थिति में होने की बात उन्हें दिखाई दी । कुछ स्थानों पर बिरयानी बिक्री के दुकान भी लगाए गए हैं । अब वहां के अवैध अतिक्रमण हटाकर स्वच्छता आरंभ की गई है, साथ ही यहां प्रतिदिन पूजा-अर्चना भी आरंभ की गई है । शहर में ऐसे मंदिरों की संख्या १२० से अधिक बताई जाती है ।
बेकनगंज सुनार वाली गली में मंदिरों का निरीक्षण किया.यहां कई मंदिरों में पूरी तरह से अवैध कब्जे कर निर्माण कर लिया गया है और मूर्तियां गायब कर दी गई हैं.यहां पर मैंने सभी कब्जेदारों को कहा कि मंदिरों को खाली करना पड़ेगा.. pic.twitter.com/6jyaU2LcVt
— Pramila Pandey ( मोदी का परिवार) (@mayorkanpur) December 21, 2024
१. २१ दिसंबर को महापौर प्रमिला पांडे पुलिस बलसहित मुसलमानबहुल बेकनगंज में पहुंची । यहां जून २०२२ में भाजपा नेता नुपूर शर्मा द्वारा मोहम्मद पैगंबर के संदर्भ में दिए गए कथित अपमानजक वक्तव्य के विरोध में मुसलमानों ने पुलिस पर आक्रमण किया था । प्रमिला पांडे को यहां के अनेक मंदिरों में अवैध काम चल रहे हैं, ऐसी जानकारी मिली थी ।
२. केवल ३० मिनट में ही प्रमिला पांडे ने ऐसे कुल ५ मंदिर ढूंढ निकाले, जिन में अवैध काम चल रहे थे तथा ये मंदिर जीर्ण स्थिति में थे । इसमें राम जानकी मंदिर पहले स्थान पर है । यह मंदिर कानपुर में वर्ष २०२२ में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी मुख्तार बाबा बिरयाणीवाले के नियंत्रण में था । इस मंदिर के पीछे ही बिरयानी बनाई जा रही थी । स्थानीय लोगों के अनुसार मूलरूप से १०० स्क्वेयर यार्ड में फैले इस मंदिर का अब केवल थोडासा ही भाग शेष बचा है ।
३. दूसरा मंदिर राधाकृष्ण का है । यह मंदिर अत्यंत जीर्ण स्थिति में मिला । इस मंदिर में शिवजी का तीसरा मंदिर मिला । इस मंदिर में शिवलिंग के केवल अवशेष ही मिले । मंदिर के पीछे निवासी बस्ती है । शिवमंदिर के उपरांत महापौर तथा उनके साथ गए प्रशासनिक दल को दूसरा राधाकृष्ण मंदिर मिला । इस मंदिर का द्वारा बंद था । द्वार खोलने पर अंदर कचरा भरा हुआ मिला । महापौर प्रमिला ने सभी अवैध अतिक्रमणधारकों को यहां से उनका नियंत्रण छोडने का आदेश दिया ।
४. सभी मंदिरों की खोज करने के उपरांत इन मंदिरों का जीर्णाेद्धार कर पहले की भांति पूजा-अर्चना आरंभ की जाएगी, ऐसा महापौर ने घोषित किया है । इसके साथ ही इन मंदिरों में स्थिति मूर्तियां कहां गईं, इसकी जांच करने की भी बात कही ।
५. कानपुर महानगरपालिका के सर्वेक्षण के अनुसार शहर के मुसलमानबहुल क्षेत्र में लगभग १२० मंदिर बंद हैं । प्रशासन की इस कार्यवाही के उपरांत मुसलमानों ने स्वयं को अतिक्रमण करनेवाले नहीं, अपितु मंदिरों के रक्षक बताना आरंभ किया है ।
६. राम जानकी मंदिर के पीछे रहनेवाले नफीस ने इस विषय में कहा कि आप मंदिर खोल सकते हैं । हमारा उसके साथ कोई भी संबंध नहीं है । मंदिर भिन्न है तथा घर भिन्न है । यह परिसर पहले सर्राफा बाजार था । यहां सर्वत्र हिन्दू नागरिक रहते थे, उसके उपरांत वे हिन्दूबहुल क्षेत्र में रहने चले गए । वर्ष १९९२ के दंगे में सर्वत्र मंदिरों में तोडफोड की गई । उस समय हमने इस मंदिर की रक्षा की ।
संपादकीय भूमिकाकानपुर की भाजपा की महिला महापौर ने स्वयं प्रधानता लेकर मुसलमानबहुल क्षेत्र में जाकर इन मंदिरों को अतिक्रमणमुक्त किया, यह प्रशंसनीय है । क्या अन्य शहर की, साथ ही राज्यों की पुलिस, प्रशासन तथा शासनकर्ता निष्क्रिय हैं ? वहां के हिन्दू संगठनों ने प्रधानता लेकर मुसलमानबहुल क्षेत्र में बंद पडे मंदिरों की खोज कर उनकी रक्षा के लिए सरकार पर दबाव बनाना आवश्यक ! |