हम किसी भी देश पर बमद्वारा आक्रमण करेंगे ! – रूस की धमकी
रूस ने धमकी दी है कि हम किसी भी देश पर बम द्वारा आक्रमण करेंगे । अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन को बंदी बनाने हेतु वारंट निकालने की भूमिपर रूस ने यह धमकी दी है ।
रूस ने धमकी दी है कि हम किसी भी देश पर बम द्वारा आक्रमण करेंगे । अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन को बंदी बनाने हेतु वारंट निकालने की भूमिपर रूस ने यह धमकी दी है ।
अरेस्ट वारंट पर रूस ने कोई उत्तर नहीं दिया । पुतिन द्वारा इस वारंट को महत्व देने की संभावना अल्प है ; कारण वे युद्ध के पहले दिन से यूक्रेन को सबक सिखाने की धमकी दे रहे हैं ।
अमेरिका ने आरोप लगाया है कि रूसी लडाकू विमानों ने १५ मार्च को अमेरिकी ड्रोन ‘एमक्यू-९’ को मार गिराया था ।
भारत के पास नैतिक स्पष्टता से बोलने की भी क्षमता है, जो हमने प्रधान मंत्री मोदीजी में देखी है, अमेरिका ने ऐसी भूमिका प्रस्तुत की है । इस समय अमेरिका ने युद्ध रोकने हेतु उपाय ढूंढने के लिए भारत के साथ काम करने की इच्छा भी व्यक्त की ।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को रूस को अणुबम का प्रयोग करने से रोकने का प्रयास करना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, अमेरिका की गुप्तचर संस्था सीआइए के प्रमुख बिल बर्न्स ने ऐसा वक्तव्य दिया ।
युक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदोमिर जेलेंस्की ने उनकी सेना के जॉइंट फोर्स के कमांडर मेजर जनरल एडवर्ड मिखाइलोविच मोसकालोव को पद से हटा दिया है ।
ऊर्जा संकट से उत्पन्न समस्याओं और चुनौतियों का सामना करने के लिए जर्मनी की सरकार को वर्ष २०३० तक १ अरब डॉलर अर्थात लगभग ८३ लाख करोड़ रुपयों की व्यवस्था करनी पड़ेगी, ऐसा अनुमान आर्थिक क्षेत्र के वैश्विक प्रतिष्ठान ‘ब्लूमबर्ग’ने व्यक्त किया है ।
भारत ने बहुत उन्नति की है तथा दोनों ही देशों के संबंधों के लिए यह अच्छी बात है । विश्व रूस की आक्रामकता का परिणाम भुगत रहा है । ऐसे समय में सभी देश भोजन तथा ऊर्जा आपूर्ति की ओर ध्यान दे रहे हैं ।
बार-बार ऐसे दिशाहीन सूत्र रखकर महासभा का अनमोल समय व्यर्थ करने को लेकर पाकिस्तान को सभा से निकालने के लिए भारत ने संयुक्त राष्ट्र पर दबाव बनाना चाहिए !
एक वर्ष के उपरांत अभी तक रूस-यूक्रेन युद्ध चल ही रहा है । इसलिए अनेक रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि विश्व तीव्र गति से तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ रहा है । यदि ऐसा होता है, तो मानें अथवा न मानें, अनेक देश इस विश्व युद्ध की खाई में गिरेंगे ।