विश्व स्तर पर अनाज के मूल्य में अभूतपूर्व बढोतरी !

रूस-यूक्रेन के मध्य चल रहे युद्ध के कारण संयुक्त राष्ट्रों ने मार्च माह में वैश्विक स्तर पर अनाज का मूल्य सर्वोच्य स्तर पर पहुंचने का ब्यौरा दिया है ।

रशिया-यूक्रेन के युद्ध पर बोलनेवाले कश्मीर में हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों पर क्यों नहीं बोलते ? – प्रा. रेणुका धर बजाज, देहली विश्वविद्यालय

३२ वर्ष पूर्व भारत के एक राज्य में हिन्दुओं के साथ क्या हुआ ?, यह भारतीयों को अभी तक यह ज्ञात नहीं हैै । वास्तव में, भारत के हिन्दुओं ने कश्मीरी हिन्दुओं के लिए कुछ नहीं किया; इसलिए अब तो हिन्दुओं को जागृत होकर कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय दिलाना चाहिए ।

भारत द्वारा अमेरिका की रशियाविरोधी भूमिका की उपेक्षा !

‘भारत के दृष्टिकोण से ‘युक्रेनी संकट’ एवं एक ओर रूस तो दूसरी ओर पश्चिमी जगत से उसके संबंध !’ इस शीर्षक के अंतर्गत ‘विशेष’ स्तंभ में यह लेख ‘रशिया टूडे’ने प्रकाशित किया है ।

रशिया में शक्कर की खरीद को लेकर हो रहे हैं झगडे !

रशिया और युक्रेन के युद्ध के कारण रशिया पर लगाए प्रतिबंधों का परिणाम !

‘रशिया के संबंध में भारत की भूमिका अस्थिर !’ – अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन

किसी को पहले लडने के लिए प्रोत्साहित करना और बाद में प्रत्यक्ष युद्ध चालू होने के बाद उसे सहायता न करते हुए मरने के लिए छोडकर उसका विश्वासघात करना, ऐसा भारत ने कभी नहीं किया, भारत ने बायडेन को यह सुनाना चाहिए !

युक्रेन को प्रादेशिक अखंडता तथा न्याय प्राप्त होने हेतु प्रयास हों ! – व्लोदिमीर जेलेंस्की, राष्ट्रपति

रूस को चाहिए कि चर्चा हेतु शीघ्र सिद्ध हो, साथ ही युक्रेन को प्रादेशिक अखंडता तथा न्याय प्राप्त होने हेतु प्रयास होने चाहिए, युक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की ने रूस से ऐसा आवाहन किया है ।

तेल की आयात के विषय में पाश्चात्य देश भारत को सुझाव न दें !- भारत ने सुनाया

भारत ने पाश्चात्य देशों को रूस से तेल खरीद ने के संदर्भ में खडे बोल सुनाए हैं । भारत ने कहा है,‘ तेल संपन्न देश अथवा रूस से तेल की आयात करनेवाले देश प्रतिबंधात्मक व्यापार का समर्थन नहीं कर सकते ।

युक्रेन के ऐतिहासिक शहर लिविव के पास रूस द्वारा मिसाईल आक्रमण !

देश के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित लिविव शहर के पास हवाई जहाज की देखभाल हेतु स्थापित संस्थानों पर रूस ने मिसाईलों की जोरदार बौछार की है, बीबीसी ने ऐसा वृत्त प्रसारित किया है ।

‘डेल्टा एअरलाइन्स’, इस जागतिक हवाई जहाज कम्पनी ने किया मत प्रदर्शन !

जागतिक विमान आस्थापन ‘डेल्टा एअरलाइन्स को आशंका है कि, रूस और युक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण बढ रहीं तेल कि मूल्यों से विमान यात्रा १० प्रतिशत महंगी हो सकती हैं ।

‘भारत ने रूस से कम मूल्य में तेल क्रय किया, तो उसका परिणाम विनाशकारी होगा !’

अमेरिका स्वयं के स्वार्थ के लिए किसी भी देश की अन्तर्गत समस्याओं में हस्तक्षेप करके वहां कि परिस्थितियों को बिगाडती है । स्वयं का स्वार्थ सिद्ध करने हेतु कुछ भी करनेवाली अमेरिका को, ‘भारत को क्या करना है और क्या नहीं करना’, यह बताने की आवश्यकता नहीं हैं !