‘रशिया के संबंध में भारत की भूमिका अस्थिर !’ – अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन

भारत को किस मुद्दे पर कौन सी भूमिका लेनी चाहिए, यह तय करने का अधिकार भारत को ही है । किसी को पहले लडने के लिए प्रोत्साहित करना और बाद में प्रत्यक्ष युद्ध चालू होने के बाद उसे सहायता न करते हुए मरने के लिए छोडकर उसका विश्वासघात करना, ऐसा भारत ने कभी नहीं किया, भारत ने बायडेन को यह सुनाना चाहिए ! – संपादक

वॉशिंगटन (अमेरिका) – युक्रेन और रशिया के बीच युद्ध में संपूर्ण ‘नाटो’ (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन) और पेसिफिक क्षेत्र में एक संयुक्त मोर्चा रहा । ‘क्वॉड’ देशों में से भारत की मूमिका इस विषय में कुछ मात्रा में अस्थिर रही; परंतु जापान और ऑस्ट्रेलिया ने ठोस भूमिका रखी, ऐसा कहते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन ने भारत की भूमिका पर प्रतिक्रिया व्यक्त की । युद्ध के कारण अमेरिका सहित अनेक देशों द्वारा रशिया पर प्रतिबंध लगाने पर भी भारतीय तेल शुद्धिकरण कंपनियों ने रशिया से कम दर पर तेल की खरीद चालू रखने के बाद अमेरिका की ओर से यह प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है ।

विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने बताया कि, रशिया और युक्रेन के युद्ध के विषय में भारत की भूमिका पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने समर्थन दिखाया है । भारत की भूमिका यह हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र का ध्यान विचलित करने का कारण न बने, इस पर मॉरिसन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहमति जताई ।
शृंगला ने बताया कि, ‘युक्रेन के विषय में भारत की भूमिका हम समझ सकते हैं’, ऐसा भी मॉरिसन ने कहा है ।