अमेरिका द्वारा भारत को अप्रत्यक्ष धमकी !
अमेरिका की ऐसी धमकियों को भारत को महत्व नहीं देना चाहिए । अमेरिका स्वयं के स्वार्थ के लिए किसी भी देश की अन्तर्गत समस्याओं में हस्तक्षेप करके वहां कि परिस्थितियों को बिगाडती है । स्वयं का स्वार्थ सिद्ध करने हेतु कुछ भी करनेवाली अमेरिका को, ‘भारत को क्या करना है और क्या नहीं करना’, यह बताने की आवश्यकता नहीं हैं !– संपादक
वाशिंगटन (अमेरिका) – भारत को कम मूल्य में कच्चा तेल उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव रूस ने भारत के समक्ष रखा है । इसपर अमेरिका ने कहा है कि, “भारत द्वारा रूस से तेल क्रय करने से, अमेरिका द्वारा लगाए निर्बन्धों का उल्लंघन नहीं होगा । मात्र भारत के ऐसा करने से, विश्व का सबसे बडा जनतन्त्र अयोग्य पक्ष के समर्थन में था, ऐसी इतिहास में लिखित होगा । रूस अथवा रूसी नेतृत्व का समर्थन करना, यह आक्रमण का समर्थन करना है, जिसका परिणाम विनाशकारी होगा”, ऐसी प्रतिक्रिया व्यक्त की हैं । अमरिका के राष्ट्रपति का निवास स्थान, ‘वाईट हाऊस’ के प्रसिद्धि सचिव जेन साकी ने प्रसिद्धि माध्यमों के समक्ष स्पष्ट किया है ।
India not violating sanctions, but Russian oil deal could place it on 'wrong side of history': UShttps://t.co/k48Icd55gX #OilPrice #RussiaUkraineWar #Russia
— India TV (@indiatvnews) March 16, 2022
भारत ने रूस का प्रस्ताव स्वीकार कर तेल क्रय करने से, महंगाई से छुटकारा मिलने कि सम्भावना है ।
१. अमेरिका एवं युरोप के अनेक देशों ने रूस से कच्चे तेल का क्रय बंद किया हैं । रूस पर अनेक निर्बन्ध लगाए हैं, जिससे रूस की बडी आर्थिक हानी हो रही है । परिणामस्वरूप, रूस ने भारत को कच्चा तेल एवं इतर वस्तु की उपलब्धता के सन्दर्भ में बताया है ।
२. भारत ने अभी इस प्रस्ताव पर कोई उत्तर दिया नहीं है, मात्र भारत यह प्रस्ताव स्वीकार करेगा इसकी चर्चा हो रही है । भारत द्वारा यह प्रस्ताव स्वीकार करने पर महंगाई से बहुत बडा आधार मिलेगा ।
३. अभी कच्चे तेल का मूल्य अधिक होने से, पेट्रोल और डिजल के साथ, अन्य वस्तुओं का मूल्य भी शिघ्रता से बढ रहा है । भारत को तेल सस्ता मिलने से अन्य वस्तुएं भी सस्ती होंगी ।
४. भारत द्वारा यह प्रस्ताव स्वीकार करने पर उससे हानियां भी हैं । अमेरिका के साथ अन्य देशों ने रूस के विरुद्ध निर्बन्ध लगाकर कठोर भूमिका ली है । भारत द्वारा यह प्रस्ताव स्वीकारने पर, भविष्य में इन देशों के साथ व्यापार और संबंध रखना बहुत कठिन हो सकता है ।