जो हिन्दू धर्म छोड चुके हैं, उनकी घर वापसी करेंगे ! – सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत

हिन्दू धर्म का परित्याग न करें, इसलिए, उपस्थित हिन्दुओं को शपथ दिलाई गई !

  • यदि ऐसी शपथ लेने के साथ-साथ धर्म की शिक्षा देकर हिन्दुओं को धर्मनिष्ट बना दिया जाए, तो वे हिन्दू अपने धर्म को कभी नहीं त्यागेंगे ! – संपादक
  • पिछले एक हजार वर्षों में, उन हिन्दुओं को वापस लाने की केंद्र सरकार को योजना लागू करनी चाहिए जो मुसलमान आक्रमणकारियों के साथ-साथ, ईसाई मिशनरियों और पुर्तगालियों के कारण हिन्दू धर्म त्यागने और अन्य धर्मों में परिवर्तित होने के लिए बाध्य हो गए थे । क्योंकि, इस तरह का धर्म परिवर्तन अनुचित था और यह हिन्दू, अर्थात् भारतीय संस्कृति पर आक्रमण था । इस धार्मिक दासत्व को मिटाने के लिए, सरकार को ही प्रयास करना चाहिए ; हिन्दुओं को ऐसा लगता है ! – संपादक

चित्रकूट (मध्य प्रदेश) – “जिन्होंने हिन्दू धर्म को त्याग कर अन्य धर्मों को स्वीकार कर लिया है, उन्हें वापस हिन्दू धर्म में लाया जाएगा ।” सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने यहां आयोजित ‘हिन्दू एकता महाकुंभ’ में यह घोषणा की । इस महाकुंभ का आयोजन जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने किया है ।

सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने महाकुंभ में भाग लेने वाले हिन्दुओं को शपथ दिलाई, कि वे हिन्दू धर्म का त्याग नहीं करेंगे और किसी अन्य धर्म को स्वीकार नहीं करेंगे । उन्होंने हर महिला का सम्मान करने की भी शपथ दिलाई । शपथ दिलाते हुए सरसंघचालक ने कहा, “मैं अपने पूरे जीवन के लिए अपने पवित्र हिन्दू धर्म, संस्कृति और हिन्दू समाज की रक्षा और संवर्धन करने की शपथ लेता हूं । हिन्दू संस्कृति के योद्धा भगवान श्रीराम की संकल्प स्थली को साक्षी रखकर मैं संकल्प करता हूं कि मैं किसी भी हिन्दू बंधु को हिन्दू धर्म से विचलित नहीं होने दूंगा ।”