चीन तालिबान को सहायता के तौर पर २२८ करोड रुपये देगा !
लोकतंत्र के विरोध में जाकर सत्ता स्थापित करने वाले तालिबान को चीन द्वारा सहायता करने से लोकतंत्र को पुरस्कृत करने वाले पश्चिमी देश अब चीन के विरोध में ठोस भूमिका निभाएंगे क्या ?
लोकतंत्र के विरोध में जाकर सत्ता स्थापित करने वाले तालिबान को चीन द्वारा सहायता करने से लोकतंत्र को पुरस्कृत करने वाले पश्चिमी देश अब चीन के विरोध में ठोस भूमिका निभाएंगे क्या ?
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन ने कहा, “अब तालिबान से कैसे निपटना चाहिए ?, यह सभी देश विचार कर रहे हैं ।
इन देशों ने इसके पूर्व ही तालिबान से संपर्क स्थापित किया है । रूस, चीन, पाकिस्तान एवं तुर्कस्तान ने अफगानिस्तान में स्थित अपने दूतावास बंद नहीं किए हैं ।
चीन जो करता है, वह भारत क्यों नही करता ? चीन के समान भारत को भी ऐसा ही निर्णय लेना आवश्यक !
अध्ययन के अनुसार, चिकित्सालय में भर्ती किए गए कोरोना रोगियों में ४९ प्रतिशत रोगियों में लगभग एक वर्ष तक कोरोना के लक्षण देखे गए । यह मेडिकल जर्नल, “द लैंसेट” की प्रकाशित नवीन प्रतिवेदन के निष्कर्ष में कहा गया है ।
चीनी दबाव के कारण तालिबानी आतंकवादी उइगर मुसलमानों को चीन की हिरासत में देने की संभावना !
संतप्त चीन ने की अमेरिका की आलोचना !
दूसरी ओर, अफगानिस्तान की सहायता करने की भूमिका चीन ने प्रस्तुत की है । तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के पश्चात अमेरिका के बैंकों में होने वाले अफगान सरकार के खाते बंद कर दिए गए हैं ।
चीन भले ही अपने शत्रुओं का विनाश करने के लिए परमाणु बम बना रहा है ; परंतु, उसके कारण उसके ही देश में लाखों लोग मर रहे हैं । क्या चीन इससे कुछ सबक लेगा ?
इस्लामी देशों का संगठन तालिबान को समर्थन ही दे रहा; लेकिन भारत के मुसलमान संगठन और कुछ नेता और प्रसिद्ध लोग उसको समर्थन देकर हम अधिक कट्टर मुसलमान हैं, यह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं, यह ध्यान दें !