यदि चीन, ताइवान पर नियंत्रण प्राप्त करने का प्रयत्न करता है, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे ! – ताइवान की चेतावनी

ताइवान जैसा छोटा सा देश भी चीन को सीधी चेतावनी देता है, जबकि परमाणु अस्त्र संपन्न भारत, चीन के विरुद्ध एक शब्द भी नहीं बोलता ,यह लज्जास्पद है !

पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी चीनी सेना में सहभागी हो रहे हैं ! – गुप्तचरों की जानकारी

चीन-पाकिस्तान गठबंधन, भारत के लिए संकट जनक है । ऐसा गठबंधन बनने के पूर्व ही, भारत का पाकिस्तान को नष्ट करना आवश्यक था ; परंतु, यह सर्वदलीय शासकों के लिए लज्जाजनक बात है, कि गत ७४ वर्षों की भारत की डरपोक नीतियों के कारण, भारत अधिक संकटकारी स्थिति की ओर मुड रहा है ! नई … Read more

नेपाली नागरिकों द्वारा चीनी अतिक्रमण के विरुद्ध आंदोलन !

प्रदर्शनकारियों ने, “चीन को हमारी भूमि वापस करनी चाहिए” एवं “चीन वापस जाओ” के नारे भी लगाए ।

अमेजन ने ६०० चीनी प्रतिष्ठानों पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया !

अमेजन ने स्पष्ट कर दिया है, कि यह चीन को “लक्षित” करने का अभियान नहीं है, अपितु एक वैश्विक अभियान है । हम गलत काम करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करते रखेंगे ।

अमेरिका की ओर से अफगानिस्तान को ४ सहस्र ७१४ करोड़ रुपए की सहायता की घोषणा

अमेरिका की गांधीगीरी ! यह सांप को दूध पिलाने समान है ! मानवता के नाम के नीचे दी जाने वाली यह रकम गरीब अफगानी नागरिकों को मिलेगी या तालिबानी आतंकवादी इसे स्वयं के लिए खर्च करेंगे, इस पर कौन और कैसे ध्यान रखेगा ? इसके पहले अमेरिका ने इस प्रकार की सहायता पाक को की थी और पाक द्वारा इसे जिहादी आतंकवादियों पर खर्च करने का इतिहास है !

चीन तालिबान को सहायता के तौर पर २२८ करोड रुपये देगा !

लोकतंत्र के विरोध में जाकर सत्ता स्थापित करने वाले तालिबान को चीन द्वारा सहायता करने से लोकतंत्र को पुरस्कृत करने वाले पश्चिमी देश अब चीन के विरोध में ठोस भूमिका निभाएंगे क्या ?

चीन और तालिबान के बीच संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं, तथापि वे कोई मार्ग निकालने का प्रयत्न कर रहे हैं ! – जो बायडेन

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन ने कहा, “अब तालिबान से कैसे निपटना चाहिए ?, यह सभी देश विचार कर रहे हैं ।

तालिबान ने सरकार गठन समारोह में भाग लेने के लिए रूस, चीन, पाकिस्तान, ईरान, कतर एवं तुर्कस्तान को आमंत्रित किया !

इन देशों ने इसके पूर्व ही तालिबान से संपर्क स्थापित किया है । रूस, चीन, पाकिस्तान एवं तुर्कस्तान ने अफगानिस्तान में स्थित अपने दूतावास बंद नहीं किए हैं ।

चीन ने १८ वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के ऑनलाइन खेलने पर लगाया समय का प्रतिबंध !

चीन जो करता है, वह भारत क्यों नही करता ? चीन के समान भारत को भी ऐसा ही निर्णय लेना आवश्यक !