१९६४ से १९९६, इस कालावधि में चीन के परमाणु परीक्षणों से निकले विकिरण से १ लाख ९४ सहस्र लोगों की मृत्यु !

चीन भले ही अपने शत्रुओं का विनाश करने के लिए परमाणु बम बना रहा है ; परंतु, उसके कारण उसके ही देश में लाखों लोग मर रहे हैं । क्या चीन इससे कुछ सबक लेगा ? – संपादक

(प्रातिनिधिक छायाचित्र)

नई दिल्ली – चीन ने १९६४ से १९९६ की अवधि में, ४५ परमाणु परीक्षण किए थे । इन परमाणु परीक्षणों से उत्पन्न तीव्र विकिरण ने उस देश के १ लाख ९४ सहस्र लोगों की मृत्यु हुई है । ‘द नेशनल इंटरेस्ट’ इस पत्रिका में प्रकाशित पीटर सुसीउ के लेख में यह जानकारी दी गई है । अनुमान है, कि लगभग १२ लाख लोगों को विकिरण के कारण ल्यूकेमिया एवं कैंसर जैसी गंभीर व्याधियों का संकट है ।

१. पीटर सुसिउ के अनुसार, चीन ने वर्ष १९६९ में अपना प्रथम थर्मोन्यूक्लियर (परमाणु विस्फोट में उत्पन्न प्रचंड तापमान के आधार पर) परीक्षण किया धा । इस परीक्षण द्वारा ३.३ मेगाटन ऊर्जा उत्पन्न हुई । यह ऊर्जा हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से २०० गुना अधिक थी ।

२. विकिरण के स्तर का अध्ययन करने वाले एक जापानी शोधकर्ता के अनुसार, झिंजियांग का विकिरण स्तर १९८६ में चेरनोबिल रिएक्टर की छत पर मापे गए स्तर से अधिक है । विकिरण धूल सर्वत्र फैली हुई है । इससे  सहस्रों लोगों की मृत्यु हो सकती है । चीन के शिनजियांग प्रांत की जनसंख्या २ करोड है । वहां के लोग विकिरण से बडी मात्रा में प्रभावित हुए हैं ।