अमेरिका में बूस्टर डोज लेने के बाद भी १४ लोगों को ‘ओमिक्रॉन’ का संक्रमण !

वॉशिंगटन (अमेरिका) – अमेरिका में कोरोना प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के दोनो डोज तथा बूस्टर डोज लेने के बाद भी कुछ लोगों को कोरोना के नए रुप ‘ओमिक्रॉन’ का संक्रमण हुआ है ! अमेरिका के ‘सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन’ ने कहा है कि, अभी तक अमेरिका में ओमिक्रॉन के ४३ मरीज मिले हैं। उनमें से … Read more

पृथ्वी के पास आने वाले लघुग्रह की दिशा एवं गति परिवर्तित करने के लिए, ‘नासा’ उस पर एक अंतरिक्ष यान टकराएगा !

‘नासा’ ने इस अभियान को ‘डार्ट’, यह नाम दिया है । इस अभियान पर २ सहस्र करोड रुपए व्यय होने का अनुमान है । विशेष रूप से, २००३ में लघुग्रह डिडिमोस पृथ्वी के पास से गया था, एवं वर्ष २०२२ में पुनः पृथ्वी के पास से जाएगा ।

अमेरिका ने भारत को वापस की २४८ प्राचीन वस्तुएं !

भारत के एक मंदिर से वर्ष १९६० में यह मूर्ति चोरी की गई थी । नटराज की मूर्ति के अतिरिक्त नंदिकेश्वर और कंकल मूर्ति भी चोरी की गई थी । 

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार की ओर से अमेरिकी डॉलर पर प्रतिबंध

नागरिकों को आर्थिक कामकाज करने के लिए अफगानी मुद्रा का ही प्रयोग करने की सख्ती की गई है ।

सिख आतंकवादी संगठन, ‘सिख फॉर जस्टिस’ ने प्रकाशित किया खालिस्तानी राष्ट्र का मानचित्र (नक्शा) !

पंजाब सहित हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान राज्यों के अनेक जनपद सम्मिलित !

कोई हमारी सरकार को कमजोर करने का प्रयत्न न करे ! – संयुक्त राज्य अमेरिका को तालिबान की अप्रत्यक्ष चेतावनी !

तालिबान जैसे नगण्य आतंकी, शक्तिशाली अमेरिका को चेतावनी देते हैं और अमेरिका चुप रहता है! यह तथ्य भारत और भारतीय सेना के शौर्य एवं महत्व को उजागर  करता  है !

अमेरिकी सेना के पास ३ सहस्र ७५० अणु शस्त्र !

वर्ष १९६७ में रशिया के साथ हुए शीत युद्ध के बाद यह आंकडा सबसे कम है । शीत युद्ध के समय अमेरिका के पास कुल ३१ सहस्र २५५ अणु शस्त्र थे ।

पाकिस्तान में १२ जिहादी आतंकवादी संगठनों को आश्रय !

अमेरिकी संगठन को जो ज्ञात है, उसकी जानकारी संपूर्ण विश्व को और संयुक्त राष्ट्र को भी है…

अमेरिका का युद्ध समाप्त; भारत का आरंभ !

अफगानिस्तान में तालिबानी अर्थात जिहादी राज्य लागू हुआ है । वर्तमान काल में अफगानिस्तान का प्रत्येक घटनाक्रम भारत की दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है; क्योंकि उसका सीधा परिणाम भारत पर होगा ।

अमेरिका की ओर से अफगानिस्तान को ४ सहस्र ७१४ करोड़ रुपए की सहायता की घोषणा

अमेरिका की गांधीगीरी ! यह सांप को दूध पिलाने समान है ! मानवता के नाम के नीचे दी जाने वाली यह रकम गरीब अफगानी नागरिकों को मिलेगी या तालिबानी आतंकवादी इसे स्वयं के लिए खर्च करेंगे, इस पर कौन और कैसे ध्यान रखेगा ? इसके पहले अमेरिका ने इस प्रकार की सहायता पाक को की थी और पाक द्वारा इसे जिहादी आतंकवादियों पर खर्च करने का इतिहास है !