India Objects US Diplomat : भारत ने अमेरिका से उत्तर मांगा !

भारत के लिए ऐसा करना ही आवश्यक है । अमेरिका भारत का विश्वासू मित्र नहीं है, यह सदैव ध्यान में रखना चाहिए । उसे उसकी मर्यादाओं का भान करवाते रहना, विदेश नीति के लिए आवश्यक है !

India Pakistan Trade : (और इनकी सुनिए…) ‘हमें भारत के साथ व्यापार पुनः आरंभ करना है !’ – पाकिस्तान के विदेशमंत्री

भारत एवं पाकिस्तान के संबंधों में बडी घटनाएं देखने को मिली हैं ।

Bulgarian Ship Rescue : भारतीय नौसेना ने अपहृत नौका को मुक्त किया, इसलिए बुल्गारिया के राष्ट्रपति ने प्रदर्शित किए आभार !

भारतीय सेना के कारण नौका पर उपस्थित सभी कर्मचारी सुरक्षित

CAA Pakistan Reaction : (और इनकी सुनिए…) ‘सीएए कानून श्रद्धा के आधार पर लोगों में भेदभाव उत्पन्न करता है !’ – पाकिस्‍तान

भारत ने पाकिस्तान को कठोरता से बताना चाहिए कि भारत के अंतर्गत प्रश्न में हस्तक्षेप करने का पाकिस्तान को कोई अधिकार नहीं है !

Jaishankar Japan Visit : स्वतंत्रता के उपरांत हमारे ऊपर आक्रमण हुए, तब विश्व के तत्व कहां थे ?

रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की भूमिका के विषय में पूछे गए प्रश्न पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का प्रत्युत्तर !

Hydrographic Survey Deal : मालदीव भारत के साथ जलविज्ञान सर्वेक्षण समझौते का नूतनीकरण नहीं करेगा !

विनाश काल आने पर बुद्धि गलत निर्णय लेती है, उसीका एक उत्तम उदाहरण है, मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा लिया गया निर्णय !

S Jaishankar Remarks : पडोसी देशों पर भारत दादागिरी नहीं, अपितु उनकी सहायता करता है ! – विदेशमंत्री  डॉ. एस. जयशंकर

‘हम सदैव अन्य देशों को उनकी अवश्यकता के समय सहायता करते हैं । आपातकाल में भारत अन्य देशों की सहायता करने सदैव तत्पर रहा है ।

China Taiwan Conflict : (और इनकी सुनिए…) ‘झूठ बोलने के लिए ताइवान को व्यासपीठ न दे !’ – चीन

छोटे द्वीपों का देश ताइवान, विस्तारवादी चीन का धैर्य से सामना कर रहा है । भारत उसकी सदैव सहायता करते ही रहेगा, यह चीन को सदैव ध्यान में रखना होगा !

संपादकीय : कतर पर प्राप्त विजय !

कतर ने भारत के ८ पूर्व नौसेना अधिकारियों को छोड दिया है । यह भारत सरकार की कूटनीति की विजय है; इसलिए सरकार की अवश्य प्रशंसा करनी ही होगी ।

Russian Army Released Indians : रूस की सेना द्वारा भर्ती किए गए अनेक भारतीय युवकों को छोड दिया !

रूस में नौकरी के प्रलोभन के कारण हुई धोखाधडी में वहां की सेना में भर्ती हुए भारतीयों के संदर्भ में भारत के विदेश मंत्रालय ने एक निवेदन प्रसारित किया है ।