India Pakistan Trade : (और इनकी सुनिए…) ‘हमें भारत के साथ व्यापार पुनः आरंभ करना है !’ – पाकिस्तान के विदेशमंत्री

आर्थिक दिवालिया होने के कगार पर खडे पाकिस्तान के विदेशमंत्री का वक्तव्य !

पाकिस्तान के विदेशमंत्री इशाक डार

लंदन (ब्रिटेन) – भारत एवं पाकिस्तान के संबंधों में बडी घटनाएं देखने को मिली हैं । पाकिस्तान के विदेशमंत्री इशाक डार ने भारत के साथ पुनः एकबार व्यापार आरंभ करने की इच्छा व्यक्त की है । वर्ष २०१९ में भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर की धारा ३७० रद्द करने के उपरांत पाकिस्तान ने भारत के साथ चल रहा व्यापार बंद किया । जिसके कारण सर्वाधिक हानि (क्षति) पाकिस्तानी व्यावसायिकों की ही हुई है । वे भारतीय हाट के लाभ से वंचित रहते हैं ।

बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में अणुऊर्जा शिखर परिषद में उपस्थित रहने के उपरांत लंदन में संपन्न पत्रकार परिषद में डार ने भारत के साथ व्यापार आरंभ करने का भाष्य किया है । उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान में अभी भी भारत से माल आता है, ऐसा व्यापारियों का कहना है । वह सिंगापुर एवं दुबई मार्ग से पाकिस्तान में पहुंचता है, जो बहुत ही महंगा है । पाकिस्तानी व्यापारी भारत के साथ व्यापार करने को उत्सुक हैं । इस कारण हम भारत के साथ व्यवसाय करने का गंभीरता से विचार कर रहे हैं । व्यवसाय आरंभ करने के लिए ‘हां’ अथवा ‘ना’ ऐसा सीधा उत्तर मैं नहीं दे सकता ।’

यदि भारत-चीन व्यापार कर सकते हैं, तो पाकिस्तान को भी भारत के साथ व्यापार करना चाहिए ! – पाकिस्तानी व्यापारी

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति अत्यंत विकट है । प्रत्येक समय पाकिस्तान को ऋण के लिए अंतर्राष्ट्रीय वित्तकोष के पास जाना पडता है । अनेक पाकिस्तानी विशेषज्ञ कहते हैं कि पाकिस्तान को यदि आर्थिक स्थिति सुधारनी हो, तो भारत के साथ व्यापार आरंभ करना चाहिए । भारत से वस्तुएं सस्ते में क्रय कर सकते हैं । इसके साथ ही भारत एक बडा बाजार-हाट है, जिसका लाभ पाकिस्तान पडोसी देश होते हुए भी नहीं ले सकता । पाकिस्तान के ‘निशात ग्रुप’ के अध्यक्ष मियां मोहम्मद मंशा ने पिछले वर्ष कहा था कि यदि चीन-भारत सीमा विवाद होते हुए भी वे दोनों एकदूसरे के देश में व्यापार कर सकते हैं, तो भारत-पाकिस्तान को भी व्यापार करना चाहिए ।

संपादकीय भूमिका

पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार स्वयं ही बंद किया है । इससे भारत का सरदर्द अपने आप ही दूर हो गया है, तो अब पाकिस्तान कितना भी चाहे , तब भी भारत को उसके साथ पुनः व्यापार आरंभ नहीं करना चाहिए । उसके लिए वर्तमान में यही बडा दंड है !