पाकिस्तान का विषवमन !
इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – नागरिकता सुधार कानून की (‘सीएए’ की) कार्यवाही, हिन्दू तानाशाह देश का भेदभाव करनेवाला कदम है । यह कानून श्रद्धा के आधार पर लोगों में भेदभाव उत्पन्न करता है । ‘इस्लामी देशों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं और भारत अल्पसंख्यकों के लिए एक सुरक्षित देश है’, इस भ्रम पर यह कानून आधारित है, ऐसी टिप्पणी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने की । (यह भ्रम नहीं; किंतु वस्तुस्थिति है ! संसार में ऐसा एक भी इस्लामी देश नहीं, जहां अन्य धर्मियों पर अत्याचार नहीं होते ? वास्तव तो यह है कि इस्लामी देशों में मुसलमानों पर भी अत्याचार होते हैं । यह बात सीरिया, ईरान, इराक, अफगानिस्तान आदि देशों के उदाहरण से स्पष्ट होती है ! – संपादक)
#Pakistan spews venom against #CAARules for allegedly creating discrimination based on faith.
India should firmly tell Pakistan that it has no right to interfere in India's internal affairs.
This is akin to a thief's outcry in reverse. Minorities in Pakistan, suffering from… pic.twitter.com/2I4WN7V5BL
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 15, 2024
संपादकीय भूमिका
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(और इनकी सुनिए…) ‘हम नागरिकता सुधार कानून की अधिसूचना के संदर्भ में चिंतित हैं !’ – अमेरिका
अमेरिकी सरकार के ‘यू.एस्. स्टेट’ विभाग के प्रवक्ता मॅथ्यू मिलर ने कहा कि हम भारत में ११ मार्च को पारित हुई नागरिकता सुधार कानून की अधिसूचना के संदर्भ में चिंतित हैं । इस कानून का कार्यान्वयन कैसे होगा ? यह हम ध्यानपूर्वक देख रहे हैं । धार्मिक स्वतंत्रता का आदर करना और कानून के अनुसार सभी समुदायों साथ समान व्यवहार करना, लोकतंत्र के सिद्धांत हैं । (‘अनेक शतकों से अश्वेत तथा रेड इंडियन लोगों पर अत्याचार करनेवाली अमेरिका भारत को लोकतंत्र के बारे में ज्ञान न दें’, ऐसे शब्दों में भारत को अमेरिका को सुनाना चाहिए ! – संपादक)
We are concerned about the notification of the Citizenship Amendment Act – #USA
India must firmly assert to #America that it should refrain from unwarranted interference in India's legal affairs and instead focus on its own domestic issues.#InternationalNews #CAAImplemented… pic.twitter.com/NgkCDQsFA0
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 15, 2024
संपादकीय भूमिका
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अमेरिका भारत के आंतरिक विषयों में न पडे ! – भारत
नई देहली – सीएए कानून भारत का आंतरिक विषय है; इसे लागू करने के विषय में अमेरिका का वक्तव्य अनुचित और अनावश्यक है । इस कानून के द्वारा ३१ दिसंबर २०१४ से पहले अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए हिन्दू, सीख, बौद्ध, पारसी और ईसाई पंथी अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाने वाली है; इसके द्वारा किसी भी भारतीय की नागरिकता जानेवाली नहीं है । भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है । अल्पसंख्यकों के विषय में किसी को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है । जिन्हें भारतीय परंपराओं और विभाजन के बाद के इतिहास के विषय में जानकारी नहीं है, उन्हें इस विषय में नहीं पडना चाहिए । इन शब्दों में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने अमेरिका को सुनाया है ।