China Taiwan Conflict : (और इनकी सुनिए…) ‘झूठ बोलने के लिए ताइवान को व्यासपीठ न दे !’ – चीन

ताइवान के विदेश मंत्री द्वारा भारतीय समाचार वाहिनी से वार्तालाप करने पर चीन ने किया क्रोध व्यक्त !

ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू

नई देहली – ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने हाल ही में एक भारतीय समाचार वाहिनी से वार्तालाप किया । चीन ने इसपर आपत्ति उठाई है । भारत के चिनी दूतावास ने बताया कि भारतीय माध्यमों के कारण ताइवान को उसकी स्वतंत्रता का उद्घोष करने तथा विश्व में झूठ फैलाने का व्यासपीठ मिला है ।

चिनी दूतावास ने कहा था कि, ‘एक-चीन’ नीति का अर्थ ऐसा है कि विश्व में एक ही चीन है । ताइवान हमारा भाग है । चीन से राजनीतिक संबंध रखने वाले सभी देशों को हमारी नीतियों का आदर करना होगा । हम भारतीय माध्यमों से आवाहन करते हैं कि वे चीन की संप्रभुता और प्रादेशिक अखंडता से संबंधित सूत्रों पर उचित भूमिका लें । ताइवान की स्वतंत्रता की भावनाओं को व्यासपीठ न दें और अनुचित संदेश भी प्रसारित न करें । इसका देश के और विश्व के लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पडेगा ।

इसके पहले सितंबर २०२३ में भारतीय सेना के ३ निवृत्त अधिकारियों ने ताइवान की यात्रा की थी । उस पर भी चीन ने आपत्ति उठाई थी । चीन ने परामर्श दिया था कि, ‘भारत ताइवान के साथ सुरक्षा समझौता न करें ।’

हम कोई चीन की कठपुतली नहीं ! – ताइवान का प्रत्युत्तर

भारत और हम दोनों स्वतंत्र लोकतांत्रिक देश हैं । इन में से कोई भी चीन की कठपुतली नहीं है, जो उसके आदेशों का पालन करेगी । चीन को अन्य देशों के साथ गुंडागर्दी करने की अपेक्षा स्वयं होकर उचित आचरण करना चाहिए ।

संपादकीय भूमिका

छोटे द्वीपों का देश ताइवान, विस्तारवादी चीन का धैर्य से सामना कर रहा है । भारत उसकी सदैव सहायता करते ही रहेगा, यह चीन को सदैव ध्यान में रखना होगा !