(कहते हैं) ‘मुसलमान होने के नाते कश्मीर के मुसलमानों के लिए आवाज उठाना हमारा अधिकार ! – तालिबान
‘चीन के उघुर मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का हमें अधिकार है’, ऐसा बोलने का साहस तालिबानी आतंकी क्यों नहीं दिखाते ? इससे उनका छद्म मुसलमानप्रेम और भारतद्वेष दिखाई देता है !