प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की साजिश के आरोपी फादर स्टैन स्वामी की कारागृह में हुई मृत्यु पर संयुक्त राष्ट्र और युरोपीय संघ का हाहाकार !
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संयुक्त राष्ट्र (लंदन) – शहरी नक्सलवादी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश मामले में हिरासत में लिए गए ८४ वर्षीय फादर स्टेन स्वामी का कारागृह में निधन हो गया । इसके बाद संयुक्त राष्ट्र का मानवाधिकार परिषद और युरोपियन संघ ने दु:ख प्रकट करते हुए हाहाकार मचाया है । संयुक्ट राष्ट्र के मानवाधिकार विभाग की मेरी लॉलर ने कहा, ‘मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी को आतंकवाद के झूठे आरोप में हिरासत में लिए जाने के ९ माह बाद उनका निधन हो गया । मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को कारागृह में डालना स्वीकार नहीं ।’ इससे पहले उन्होंने स्वामी के स्वास्थ्य के विषय में चिंता व्यक्त करते हुए उनपर विशेष उपचार करने की भी मांग की थी ।
UN human rights chief and human rights officials of the US and European Union expressed concern at the death of #StanSwamy https://t.co/Xp7NRBesMj
— Hindustan Times (@htTweets) July 6, 2021
१. युरोपीयन संघ के मानवाधिकार प्रतिनिधी इमॉन गिलमोर ने कहा, ‘फादर स्टेन स्वामी यह आदिवासियों के अधिकार के लिए संघर्ष करने वाले कार्यकर्ता थे । उन्हे ९ माह तक हिरासत में रखा गया था । युरोपीय संघ की ओर से नियमित इस मामले का फॉलोअॅप किया जाता था ।’
२. कोरेगाव भीमा-एल्गार परिषद मामले में अवैध कृती प्रतिबंधक कानून के अंतर्गत (यू.ए.पी.ए. अंतर्गत) हिरासत में लिए गए फादर स्टेन स्वामी का इसी दौरान ५ जुलाई के दिन मुंबई के अस्पताल में निधन हो गया था । उनपर माओवादियों से संबंध होने का आरोप था ।
कानून के अनुसार स्टेन स्वामी पर कार्यवाही ! – भारत सरकार का प्रत्युत्तर
स्टेन स्वामी की मृत्यू के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई टिप्पणी का भारत के विदेश मंत्रालय् ाने उत्तर देते हुए ‘देश के सभी नागरिकों के मानवी अधिकारों की रक्षा करने में देश कटिबद्ध होकर राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर मानवी अधिकार आयोग और स्वतंत्र न्यायिक तंत्र इसके लिए कार्यरत है । राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने (एन.आई.ए. ने) कानून के अनुसार ही स्टेन स्वामी को हिरासत में लिया था । न्यायालय् ाने उनकी जमानत की याचिका नकार दी थी । संबंधित अधिकारी कानून का उल्लंघन करने वालों के विरोध में कदम उङ्गाते हैं और उन्हे रोका नही जा सकता है । हम कानून के विरोध में कुछ नही करते हैं । फादर स्टेन स्वामी के उपचार पर न्यायालय का ध्यान था और उनका स्वास्थ्य बिगडने से ही उनकी मृत्यू हुई’, ऐसा कहा गया है ।