विज्ञान द्वारा की गई तथाकथित प्रगति का (विपरीत) परिणाम !
मुंबई – संसार के अग्रणी वैज्ञानिक डॉ निकलास बायर्स का दावा है कि वर्तमान में, जलवायु में तीव्र गति से परिवर्तन हो रहा है । इससे निकट भविष्य में ब्रिटेन बर्फ के नीचे दब सकता है, ऐसी उन्होंने आशंका व्यक्त की है ।
“The signs of destabilisation being visible already is something that I wouldn’t have expected and that I find scary,” said PIKs Niklas Boers @guardian, “It’s something you just can’t [allow to] happen.” https://t.co/Efi4QcngF8 #climate Thorough read by @dpcarrington
— Potsdam Institute (@PIK_Climate) August 5, 2021
डॉ निकोलस बायर्स ने कहा है कि,
१. एक सहस्र वर्षों में प्रथम बार ही खाडी देशों से यूरोप की ओर आने वाली गर्म हवाएं सर्वाधिक दुर्बल हो गई हैं । इन हवाओं के कारण यूरोप की जलवायु उष्ण रहती है; परंतु अब इन उष्ण हवाओं का प्रवाह अत्यंत न्यून हो गया है । फलस्वरूप, ब्रिटेन का तापमान न्यून हो रहा है । निकट भविष्य में यही स्थिति बनी रही, तो ब्रिटेन शीघ्र ही बर्फ के नीचे दब जाने की संभावना है । इससे यहां का जीवन समाप्त हो सकता है ।
२. गत वर्ष ही नॉर्थअम्बरलैंड विश्वविद्यालय ने इससे संबंधित चेतावनी दी थी । उसके अनुसार आगामी ३० वर्ष पृथ्वी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होंगे । अर्थात, आने वाला समय पृथ्वी के लिए ‘मिनी आइस एज’ (छोटा हिम युग) होगा । इस कालावधि में तापमान अत्यंत अल्प रहेगा । संसार को ऋणात्मक (माइनस) ५० डिग्री सेल्सियस इतने अल्प तापमान का सामना करना पड सकता है ।
३. सूर्य की उष्णता भी घट रही है । आगामी काल में सूर्य की उष्णता और भी अधिक घटने के कारण ब्रिटेन तक सूर्य प्रकाश नहीं पहुंच पाएगा । फलस्वरूप, ब्रिटेन ठंड के कारण ठिठुर जाएगा । बायर्स ने ऐसा भी कहा है कि इस दावे के पश्चात लोग भयभीत ना हो ।
अनेक लोगों ने कहा है कि ‘मिनी आइस एज’ एक प्रवाद (अफवाह) है । उनके अनुसार यदि यह परिवर्तन होता है, तो वह मात्र ब्रिटेन तक सीमित नहीं रहेगा । ऐसा नहीं होगा कि केवल एक ही देश बर्फ के नीचे दब जाएगा ।