‘फाइजर’ एवं ‘एस्ट्राजेनेका’ टीकों की दोनों खुराक लेने के उपरांत १० सप्ताह में ५० प्रतिशत कम हो जाता है प्रभाव ! – ‘यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन’ का निष्कर्ष

लंदन (ब्रिटेन) – ‘यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन’ द्वारा कोरोना टीके के संदर्भ में किए अध्ययन में पाया गया है कि ‘फाइजर’ तथा ‘एस्ट्राजेनेका’ (कोविशील्ड) के कोरोना निवारक टीके की दो खुराक लेने के पश्चात प्रतिरक्षी (एंटीबॉडी) की मात्रा अधिक रहती है । इसलिए कोरोना से रक्षा के लिए इन टीकों की २ खुराक लेना आवश्यक है; परंतु इन टीकों की दोनों खुराक लेने के पश्चात भी २-३ महीने में एंटीबॉडी की मात्रा घट जाती है । यह निष्कर्ष १८ वर्ष से अधिक आयु के ६०० लोगों के एक अध्ययन के उपरांत निकाला गया है । इसमें व्यक्तियों की आयु तथा उनकी अन्य व्याधियों का विचार नहीं किया गया था ।

१. ‘लांसेट’ पत्रिका में प्रकाशित ब्योरे में कहा गया है कि फाइजर एवं एस्ट्राजेनेका के टीकों द्वारा सिद्ध हुए ‘कोरोना विषाणु-विरोधी एंटीबॉडी’ ६ सप्ताह में घटने लगते हैं तथा १० वें सप्ताह तक उनकी मात्रा ५० प्रतिशत से भी अल्प हो जाती है ।

२. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन ने कहा है कि, यदि इस गति से एंटीबॉडी घट जाते हैं, तो इन टीकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सुरक्षा अल्प हेती जाएगी । साथ ही, विषाणु के नए प्रकार सामने आ रहे हैं ।