कोलार (कर्नाटक) में हिन्दू संगठनों द्वारा घोषित ‘बंद’ सफल !

सतर्कता के लिए, श्रीराम सेना के अध्यक्ष प्रमोद मुतालिक और पदाधिकारियों को बंदी बनाकर मुक्त कर दिया गया !

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साधु-संतों को ‘चिलिमजीवी’ कहकर दुखद उल्लेख किया !

अभी तक उत्तर प्रदेश पुलिस को अखिलेश यादव पर, हिन्दू संतों का अपमान करने का प्रकरण प्रविष्ट कर बंदी बना लेना चाहिए था !

महाराजगंज (उत्तर प्रदेश) में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा महिला एवं पुरुष पुजारियों की हत्या !

उत्तर प्रदेश में अब तक कई पुजारी, महंत और साधु मारे गए हैं ; हिन्दुओं को यह अपेक्षित नहीं है । सरकार को इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है !

‘क्या प्रधानमंत्री मोदी अब स्वीकार करेंगे, कि चीन ने भारतीय क्षेत्र पर अनाधिकृत नियंत्रण कर लिया है ?’ – डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी का प्रश्न

डॉ. स्वामी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार से यह प्रश्न किया । भारत एल.ए.सी. से पीछे हटा है, चीन नहीं, उन्होंने पहले भी ऐसा दावा किया था ।

संसद में कानून निरस्त होने तक आंदोलन शुरू ही रहेगा  ! – किसान नेता राकेश टिकैत

‘कृषि उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार की भूमिका अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है । सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त किसानों के अन्य सूत्रों पर भी चर्चा करनी चाहिए’, ऐसा भी टिकैत ने कहा ।

केंद्र सरकार द्वारा ३ कृषि कानून निरस्त ! – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा

प्रधानमंत्री मोदी ने आवाहन किया है कि, ‘आंदोलनकारी किसान अपने घरों को जाएं, खेतों में जाकर काम आरंभ करें, एक नया प्रारंभ करें ।

समान नागरिक कानून आवश्यक है तथा संविधान के अनुच्छेद ४४ के अंतर्गत अपेक्षित कार्यवाही आवश्यक ! – इलाहाबाद उच्च न्यायालय

इसके पूर्व, सर्वोच्च न्यायालय ने अनेक बार तथा विविध उच्च न्यायालयों ने सरकार को विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए, देश में समान नागरिक कानून लागू करने का परामर्श दिया है ; परंतु, यह लज्जाजनक बात है, कि अब तक एक भी दल की सरकार ने समान नागरिक कानून बनाने का प्रयास नहीं किया है ।

हरियाणा के एम्.बी.बी.एस्. डॉक्टर मनोज मित्तल का वीडियो के माध्यम से गोबर खाने का दावा !

गाय का गोबर और गोमूत्र का सेवन करने से मनुष्य का मन, शरीर और आत्मा शुद्ध बनते हैं !

यौन भावना से किया गया किसी भी प्रकार का स्पर्श यौन शोषण ही है ! – सर्वाेच्च न्यायालय

सर्वाेच्च न्यायालय ने कहा है कि स्पर्श कपडों के उपर से है अथवा स्कीन टू स्कीन (शरीर का शरीर से सीधा स्पर्श होना) इस पर ही हम मंथन करते बैठे, तो उससे पॉक्सो कानून का मूल उद्देश्य ही बाजू में हो जाएगा ।