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अहिल्यानगर (महाराष्ट्र) – हिन्दवी स्वराज्य का ऐतिहासिक अंतिम युद्ध खरदा के शिवपत्तन उर्फ खरड्या के भुईकोट (भूमी पर निर्मित किला) में लड़ी गई थी। इस खरदा किले के सामने प्रशासन की ओर से जन सुविधा केंद्र के नाम पर शौचालय और कैंटीन का निर्माण शुरू किया गया था. इससे किले के सामने का भाग ढका जा रहा था. इसके विरोध में श्री शिवप्रतिस्थान हिन्दुस्तान के धारकरी, शिवप्रेमी, ग्रामीणों की ओर से कड़ा विरोध किया गया. जामखेड तालुका मजिस्ट्रेट, तहसीलदार और पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने इस पर ध्यान दिया। प्रत्यक्ष निरीक्षण के बाद उन्होंने कहा, ‘यह निर्माण किले के अग्रभाग में नहीं किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि इसके लिए दूसरी जगह उपलब्ध कराई जाएगी और वहां निर्माण कराया जाएगा। धारकरी, शिव प्रेमियों और ग्रामीणों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए चल रहे कार्य को तत्काल रोक दिया गया।
इस मौके पर तहसीलदार योगेश चंद्र, पुरातत्व विभाग के अधिकारी विजय धूमल, हिन्दुस्तान फाउंडेशन के अध्यक्ष पांडुराजे भोसले, भाजपा जिला उपाध्यक्ष रवींद्र सुरवासे, राष्ट्रवादी के जिला संगठक विजयसिंह गोलेकर, बाजार समिती के निदेशक वैजीनाथ पाटिल, मनसे प्रमुख प्रदीप तफेरे, गणेश जोशी इत्यादी धर्मप्रेमी उपस्थित थे.
संपादकीय भूमिकाकिलों को सुरक्षित रखना तो दूर, उलटे उनके सामने शौचालय बनवाना, यह प्रशासन की हिन्दू द्वेष ही है ! सरकार को इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ! |