SC On Bihar Crimes : बिहार में प्रमुख बनने के लिए आपराधिक अभियोग होना आवश्यक !

सुप्रीम कोर्ट की व्यंग्यात्मक टिप्पणी

नई दिल्ली – उच्चतम न्यायालय ने एक मुखिया की अग्रिम जमानत याचिका पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा है कि बिहार में ग्राम प्रधान बनने के लिए उसके विरुद्ध आपराधिक अभियोग चलना आवश्यक है ।

१. न्यायालय ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से पूछा कि क्या इस प्रकरण के अलावा उनके अभियुक्त के विरुद्ध कोई अन्य आपराधिक अभियोग भी लंबित है । यदि कोई अन्य अभियोग है तो उसका ब्यौरा कहां है ? इस पर अधिवक्ता ने उत्तर दिया कि उनके अभियुक्त के विरुद्ध अन्य अभियोग चल रहे हैं । ये सभी अभियोग गांव की राजनीति के कारण हैं ।

२. इस पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि बिहार में अब गांव अथवा पंचायत के प्रमुख के विरुद्ध आपराधिक पंजीयन होना आम बात हो गई है । यदि किसी के विरुद्ध कोई आपराधिक पंजीयन नहीं है तो वह बिहार में प्रमुख बनने के योग्य नहीं है।

३.  अधिवक्ता ने कहा कि उनके अभियुक्त को झूठे प्रकरण में फंसाया गया है । वह अग्रिम जमानत की मांग कर रहे हैं । न्यायालय ने याचिकाकर्ता की अग्रिम जमानत याचिका निरस्त कर दी । न्यायालय ने कहा कि मुखिया को पहले पुलिस के सामने उपस्थित होकर अपना प्रकरण प्रस्तुत करना होगा ।

संपादकीय भूमिका 

सर्वोच्च न्यायालय की यह टिप्पणी भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली की कमियों को उजागर करती है। कोई भी राजनीतिक दल इस स्थिति को परिवर्तित करने का प्रयास नहीं कर पाएगा; क्योंकि कोई भी व्यक्ति अपराधी बने बिना राजनीति में प्रवेश अथवा टिक नहीं सकता, यही वर्तमान स्थिति है !