Jaishankar On Minorities In Pakistan : हम पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर बारीकी से दृष्टि रख रहे हैं !

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने दी जानकारी

नई दिल्ली – भारत पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर बारीकी से दृष्टि रख रहा है । फरवरी में पाकिस्तान में हिन्दुओं पर अत्याचार की १० घटनाएं सामने आईं । एक सरकार और एक देश के रूप में, हम अपने पडोसी की मानसिकता को नहीं बदल सकते, जो कि कट्टरपंथी है । यहां तक कि दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी ऐसा नहीं कर सकीं । पाकिस्तानी सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कोई कार्यवाही नहीं कर रही है । भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने जानकारी दी है कि २०१४ से पाकिस्तान से भारत आनेवाले अल्पसंख्यकों को १५,०१९ दीर्घकालिक वीजा जारी किए गए हैं । एस जयशंकर ने लोकसभा में यह जानकारी दी । वे लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान ‘पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के विरुद्ध अपराध और अत्याचार’ पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर दे रहे थे ।

डॉ. जयशंकर ने आगे कहा कि फरवरी माह में ही सिक्ख समुदाय से जुडी ३ घटनाएं घटीं । अहमदिया समुदाय से संबंधित २ प्रकरण और ईसाई समुदाय से संबंधित १ प्रकरण था । हम इन सूत्रों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करते हैं । संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में हमारे प्रतिनिधि ने बताया कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां ‘मानवाधिकारों का उल्लंघन, अल्पसंख्यकों का उत्पीडन और लोकतांत्रिक मूल्यों का व्यवस्थित क्षरण’ राज्य की नीतियां हैं। (संयुक्त राष्ट्र संघ एक कठपुतली बन गया है । वहां प्रस्तुत किए गए सूत्र कूडे में चले जाएं, उनका कोई अर्थ नहीं रह जाता, और अब इस बात को ध्यान में रखते हुए आगे बढना आवश्यक हो गया है ! – संपादक)

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने किया डॉ. जयशंकर के वक्तव्य का समर्थन

कांग्रेस सांसद शशि थरूर

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जयशंकर के वक्तव्य समर्थन करते हुए कहा कि सरकार पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर चिंतित है । इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि हम पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के कल्याण के बारे में चिंतित हैं; परंतु समस्या यह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं है, अन्यथा हम सीधे पाकिस्तान के समक्ष अपनी चिंताएं व्यक्त कर सकते थे और समस्या के समाधान की मांग कर सकते थे। (थरून को यह उत्तर देना चाहिए कि देश में कांग्रेस की सरकार रहते हुए कांग्रेस ने पाकिस्तान के साथ अनेक बार बातचीत क्यों की, तथा यह क्यों नहीं हो पाई ! – संपादक) विदेश मंत्री का वक्तव्य पूर्णतः तथ्यपरक था तथा हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि हमारे पडोसी देशों में अत्यंत चिंताजनक स्थिति है ।

संपादकीय भूमिका 

केवल देखने से कोई लाभ नहीं है; क्योंकि पाकिस्तान में हिन्दू, जिनकी संख्या १९४७ में २० प्रतिशत थी, अब केवल १ प्रतिशत रह गयी है । यदि भारत यूं ही देखता रहा तो कल ये हिन्दू भी नहीं बचेंगे । अफगानिस्तान में हिन्दू नष्ट हो गए हैं । यही स्थिति बांग्लादेश में भी होनेवाली है । भारत को अब गांधीगिरी रोकनी होगी, अन्यथा इतिहास उसे क्षमा नहीं करेगा !