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बंगलुरू (कर्नाटक) – कर्नाटक लोकसेवा आयोग की परीक्षा के लिए ५ नवंबर को आई विवाहित युवतियों को परीक्षा कक्ष में प्रवेश करने से पहले ही उनका मंगलसूत्र निकालने के लिए कहा गया । इसके अतिरिक्त कर्णफूल, सोने की सिकडियां तथा पैरों में पहनी बिछियां भी निकालने को कहा गया । मंगलसूत्र निकाल ने के लिए नकार देनेवाली महिलाओं को परीक्षा में बैठने के लिए अधिकारियों ने मना कर दिया । इतना ही नहीं, कर्णफूल निकालने के लिए जिन्हें संभव नहीं हुआ उन्हें सुनार के पास जाकर वे निकालने पडे । रायचुर की २ महिलाओं की अधिकारियों ने कडी जांच की और मंगलसूत्र एवं बिछियां निकालने को बाध्य किया । इस समय उन महिलाओं को अपने संबंधियों के पास जाकर आभूषण रखने पडे । तभी वे परीक्षा केंद्र में जा सकी । बताया जा रहा है कि परीक्षा के समय की जानेवाली कॉपी रोकने के लिए प्रशासन ने कठोर कार्यवाही की । इससे संबंधित समाचार समाचारवाहिनियों पर दिखाया जाने पर अधिकारियों ने आभूषण न निकालने के संदर्भ में संबंधितों को आदेश दिए ।
१. परीक्षार्थी युवतियों ने बताया कि हिन्दू धर्म में मंगलसूत्र निकाला नहीं जाता । जब आश्यक होता है, तभी हम उसे निकालकर रखते हैं । परीक्षा देने के लिए मुझे मंगलसूत्र और बिछियां निकालने पडे । जिस प्रकार अधिकारियों ने हिजाब पहनी युवतियों को जांच करने के उपरांत भीतर जाने दिया, उसी प्रकार हमें भी भीतर जाने की अनुमति देनी चाहिए थी ।
२. इस घटना के एक दिन पहले कर्नाटक सामायिक प्रवेश परीक्षा (CET) के समय कॉपी की एक घटना में प्रत्याशी और उसके भाई को नियंत्रण में लिया गया था । त्रिमूर्ति और अंबरीश ऐसे उनके नाम हैं । त्रिमूर्ति परीक्षा केंद्र में ब्ल्यू टूथ की सहायता से परीक्षा दे रहा था । उसका भाई अंबरीश परीक्षा केंद्र के बाहर से ब्ल्यू टूथ की सहायता से उसकी मदद कर रहा था ।
क्या ऐसा नियम केवल हिन्दुओं के लिए ही है ? – भाजपा
हिजाब पहन आई युवति को प्रवेश दिया गया । इसलिए भाजपा सांसद बसन गौडा यत्नल ने प्रश्न किया है कि, ‘क्या यह नियम केल हिन्दुओं के लिए ही है ?’
संपादकीय भूमिका
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