बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार की पुलिस ने एक हिन्दू संगठन के श्री रामनवमी  शोभायात्रा को अनुमति देना अस्वीकार कर दिया !

कोलकाता (बंगाल) – हावडा पुलिस ने इस वर्ष श्री रामनवमी के अवसर पर  शोभायात्रा  निकालने के लिए ‘अंजनी पुत्र सेना’ का आवेदन अस्वीकार कर दिया है। पुलिस का कहना है कि २०२२  और २०२३ में इसी मार्ग पर  शोभायात्रा  के समय  धार्मिक हिंसा हुई थी, जिससे यह एक संवेदनशील क्षेत्र बन गया है। (क्या पुलिस भारत की है या पाकिस्तान की, जो ऐसी अनुमति देने से मना कर रही है ? धर्मांधों के अहंकार, ममता सरकार में  मुसलमानों को खुली छूट और पुलिस की निष्क्रियता के कारण हिंसा हुई । इसमें हिन्दुओं का क्या दोष है ? बंगाल में धर्मांधों द्वारा अनेक बार पुलिस थाने जलाए गए हैं, तो उन्हें  क्या बंद  किया गया ? – संपादक) इसी कारण से वर्ष २०२३ में भी अनुमति नहीं दी गई ।

पुलिस ने यह भी दावा किया कि १७ अप्रैल, २०२४ को आयोजित  शोभायात्रा  के समय  कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई प्रतिबद्धता का उल्लंघन किया गया। यद्यपि आयोजकों को दो वैकल्पिक मार्ग सुझाए गए थे, किन्तु मूल मार्ग को अनुमति नहीं दी गई।

प्रशासन को सडक पर प्रार्थना करने से कोई अडचन नहीं होती ; किन्तु  श्री रामनवी  के समय होती है ! – अंजनी पुत्र सेना

इस निर्णय पर आपत्ति जताते हुए ‘अंजनी पुत्र सेना’ के संस्थापक सचिव सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि प्रशासन प्रत्येक वर्ष यही कारण बताकर श्री रामनवमी शोभायात्रा  रोकने का प्रयत्न करता है। उन्होंने कहा, ‘ईद पर लोग सडकों पर नमाज पढते हैं, क्या इस प्रकार नमाज पढना योग्य है; किन्तु जब श्री रामनवमी आती है तो प्रशासन को समस्याओं  का सामना करना पडता है। हमने पुलिस निर्णय को  उच्च न्यायालय में चुनौती देने का निर्णय लिया है।

संपादकीय भूमिका 

चूंकि बंगाल में रावण सत्ता में है, तो वहां क्या अलग होगा ?