(कथित रूप से कहा) ‘औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ‘।

कथित मुग़ल वंशज की मांग 

याकुब हबीबुद्दीन तुसी

छत्रपति संभाजीनगर – जिले के खुलताबाद में स्थित औरंगजेब की कब्र के संदर्भ में, स्वयं को अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर का वंशज बताने वाले याकुब हबीबुद्दीन तुसी ने संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने मांग की है कि औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उसे कानूनी संरक्षण प्रदान किया जाए।

(लाखों हिन्दुओं की हत्या करने और हजारों मंदिरों को नष्ट करने वाले औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा की मांग करने वालों को सरकार को दंडित करना ही चाहिए। – संपादक)
तुसी ने यह भी कहा कि “संयुक्त राष्ट्र महासचिव को इस मामले को संज्ञान में लेना चाहिए।”

याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने अपने पत्र में कहा है कि

१. यह कब्र ‘राष्ट्रीय महत्व का स्मारक’ घोषित की गई है और यह प्राचीन स्मारक, पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम, १९५८ के अंतर्गत संरक्षित है। इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार संरक्षित स्मारक के निकट कोई भी अवैध निर्माण, परिवर्तन, तोड़फोड़ या खुदाई नहीं की जा सकती। ऐसी कोई भी कार्रवाई कानून के तहत अवैध और दंडनीय मानी जाएगी।

२.राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार, औरंगज़ेब की कब्र को पूर्ण कानूनी संरक्षण और सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारत सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए.एस.आई.) को निर्देश दिए जाएं।

३. भारत ने विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर संरक्षण से संबंधित यूनेस्को संधि पर वर्ष १९७२ में हस्ताक्षर किए हैं। ऐसे स्मारकों की अनदेखी या विनाश करना अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का उल्लंघन होगा।

४. फिल्मों, प्रसार माध्यमों और सोशल मीडिया के माध्यम से ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है, जिससे जनभावनाएं भडक रही हैं।
(औरंगजेब कितना क्रूर था, इसके संदर्भ इतिहास में हर जगह मिलते हैं। तुसी उन पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं। – संपादक)
इसका परिणाम यह हो रहा है कि बेवजह विरोध प्रदर्शन, नफरत फैलाने वाले अभियान और पुतले जलाने जैसी प्रतीकात्मक आक्रामकता सामने आ रही हैं।
(नागपुर और कुछ अन्य स्थानों पर सडकों पर उतर कर नफरत फैलाने वाले अभियान और दंगे भडकाने का कार्य कट्टरपंथी मुसलमान ही कर रहे हैं — तुसी ने अपने पत्र में इसका उल्लेख क्यों नहीं किया? – संपादक)

५. भावी पीढ़ियों को सीखने के लिए सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण आवश्यक है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए।
(औरंगजेब का क्रूर इतिहास पढ़ा कर हिंदुओं को नष्ट करने की शिक्षा भावी पीढियों को देने का षड्यंत्र ही तुसी ने रचा है, यह स्पष्ट होता है। – संपादक)

संपादकीय भूमिका

औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा करने के जगह अगर उसे तत्काल हटा दिया जाए, तो ऐसी मांग करने वालों का मुँह अपने आप बंद हो जाएगा — ऐसा ही हिंदुओं को लगता है!