(और इनकी सुनिए…) ‘भारत के साथ चीन के संबंध स्थित !’ – चीन
चीन के इस विधान पर कौन विश्वास करेगा ? चीन के बोलने और करने दोनों में हमेशा ही अन्तर रहा है !
चीन के इस विधान पर कौन विश्वास करेगा ? चीन के बोलने और करने दोनों में हमेशा ही अन्तर रहा है !
ब्रिक्स परिषद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं शी जिनपिंग में भेट
प्रधानमंत्री मोदी का जिनपिंग का प्रतिपादन
संदिग्ध परिस्थिति में सेना के एक अधिकारी की मृत्यु , जबकि एक वरिष्ठ अधिकारी एवं विदेश मंत्री के लापता होने की लोमहर्षक घटना !
ट्रंप ने कहा कि, मेरे द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति पद छोड़ने के उपरांत विश्व भर में अमेरिका का प्रभाव कम हो रहा है । अमेरिका कुछ भी नहीं करता । मेरे मित्र मेक्राॅन चीन गए थे ।
रूस से इस तरह की अपील के साथ शी जिनपिंग को स्वयं की ओर देखते हुए पडोसी देश के साथ हम क्या कर रहे हैं, इसका विचार करना चाहिए !
शी जिनपिंग विश्व की सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश चीन के तीसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति बन गए हैं । इसके कारण वे ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ अर्थात चीनी सेना के प्रमुख भी बन गए हैं ।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पार्टी विरोधी प्रधानमंत्री ली केकिआंग को केंद्रीय समिति से निकाला गया है । उन्हें पार्टी के प्रमुख दायित्व से मुक्त किया गया है । ली केकिआंग को शी जिनपिंग का प्रतिद्वंदी माना जाता था । ली केकिआंग के साथ और तीन लोगों को बाहर निकाला गया है ।
ताइवान की स्वतंत्रता का रक्षा करने और उसमें अन्य देशों का हस्तक्षेप टालने के लिए हमने कठोर उपाय योजना की है । चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने कहा, “ताइवान को हम अपना समझते हैं और उसे हम अपने में सम्मिलित करेंगें ।’’
भारत का एक भी शासनकर्ता भारत के मुसलमानों को इस प्रकार का आवाहन करने का साहस नहीं कर सकता, यह वास्तविकता है !