बुद्धिप्रमाणवादी, सर्वधर्म समभावी, साम्यवादी, इनके कारण ही देश और धर्म की स्थिति दयनीय है !
‘बुद्धिप्रमाणवादियों के कारण हिन्दुओं की ईश्वर के ऊपर से श्रद्धा नष्ट हो गई । सर्वधर्म समभाववादियों के कारण हिन्दुओं को हिन्दू धर्म की अद्वितीयता समझ में नहीं आई तथा साम्यवादियों के कारण हिन्दुओं का ईश्वरके ऊपर से विश्वास उठ गया ।