सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘भ्रष्टाचार, बलात्कार, गुंडागिरी, हत्या, राष्ट्रद्रोह, धर्मद्रोहा इत्यादि अपराध न हो, इसलिए पाठशाला में, महाविद्यालय में तथा समाज में स्वतंत्रता से लेकर अभी तक पिछले ७५ वर्षों में क्या किसी भी सरकार ने शिक्षा दी है ? यह न देने के कारण करोडों अपराध हुए हैं और आज भी हो रहे हैं ।
इन सभी का एकमात्र उपाय है साधना सिखाना, यह किसी भी राजनीतिक दल को अभी तक समझ में नहीं आया और आगे भी समझ में नहीं आएगा । इसका एकमात्र उपाय है हिन्दू राष्ट्र की स्थापना !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक