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चीन को जैसे को तैसा उत्तर दिया, तो दुम दबाकर भागता है, यह ध्यान में रखते हुए भारत ने हमेशा इसी भूमिका में रहना चाहिए !– संपादक
नई दिल्ली – लद्दाख में संघर्ष के बाद अब चीन ने अरुणााचल प्रदेश में घुसपैठ करने का प्रयास किया । इसका भारतीय सैनिकों द्वारा विरोध करने की घटना हाल ही में होने का सामने आया है । अरुणाचल प्रदेश के त्वांग क्षेत्र में भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वाले चीनी सैनिकों को भारत ने हिरासत में लेने की जानकारी सामने आ रही है । २०० चीनी सैनिकों ने तिब्बत की सीमा के पास भारतीय सीमा में घुसपैठ की और इन स्थानों पर बने बंकर्सकी जहां पर सैनिक तैनात नहीं थे, तोड़फोड़ की । प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा के पास की ‘बूम को’ और ‘यांग्त्से’ इन प्रदेशों में पिछले सप्ताह में घुसपैठ करने की घटना हुई । चीनी सेना की गश्त करने वाले दल ने भारतीय प्रदेश में प्रवेश किया । इसके बाद भारत ने भी उन्हें करारा उत्तर देते हुए चीनी टुकडी के कुछ सैनिकों को हिरासत में लिया । यह मामला बाद में स्थानीय सैन्य कमांडर्स के स्तर पर हल किया गया । इसके बाद चीनी सैनिकों को छोड़ गया । इस मामले के संदर्भ में भारतीय सेना की ओर से कोई भी अधिकारिक वक्तव्य नहीं किया गया है; लेकिन सुरक्षाबलों के अधिकारियों ने इसमें भारतीय सुरक्षाबल की कोई हानि नहीं हुई, ऐसा बताया है ।
The Indian and Chinese troops had engaged in yet another tense stand-off last week in which around 200 PLA soldiers were intercepted close to the Arunachal Pradesh border. #IndianArmy #ChineseArmy #ArunachalPradesh https://t.co/oWvPKokXoh
— Business Today (@business_today) October 8, 2021
१. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार भारत और चीन सीमापर औपचारिक दृष्टि से सीमा निश्चित नहीं की गई है । दोनो देशों की सीमा रेखा व्यक्तिगत आंकलन पर आधारित है और दोनों देशों के आंकलन में अंतर है । इस कारण इस क्षेत्र में बारबार ऐसी घटनाएं हो सकती हैं । दोनों देश अपनी अपनी धारणा के अनुसार सीमा पर पहरा देते हैं । दोनो देशों में किसी भी प्रकार की असहमति दिखी, तो शिष्टाचार के अनुसार उसपर शांतिपूर्ण मार्ग से चर्चा कर हल निकाला जाता है । पिछले सप्ताह में यह घटना हुई, तो भी सीमा पर शांति कायम है । (कपटी चीन ने पाकिस्तान के माध्यम से पहले ही काश्मीर के बडे़ हिस्से पर नियंत्रण किया है, उसी प्रकार अरुणाचल प्रदेश पर भी स्वयं का अधिकार होने का शोर चीन के राज्यकर्ता, सैन्य अधिकारी और समाचारपत्र बारबार करते ही रहते हैं । इस पृष्ठभूमि पर भारत ने पहले ही सतर्क होकर सीमा रेखा निश्चित करने के लिए आगे आना चाहिए । यह अभीतक के सभी पार्टियों के शासनकर्ताओं की ओर से ना किया जाना भारत के लिए लज्जास्पद ! – संपादक)
२. दोनों ओर की गस्त लगाने वाली टुकडियां जब प्रत्यक्ष में मिलती हैं, तब तय नियमों के अनुसार वे आचरण करते हैं । इस प्रदेश में चीन द्वारा इस प्रकार घुसपैठ करना कुछ नया नहीं है । वर्ष २०१६ में २०० से अधिक चीनी सैकिन भारतीय सीमा में घुसे थे; लेकिन कुछ घंटों के बाद वे वापस अपने प्रदेश में चले गए । वर्ष २०११ के चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में २५० मीटर उंची दीवार गिराने का प्रयास किया था । तब भी भारत ने आपत्ति दिखाई थी ।
३. इससे पहले ३० अगस्त के दिन उत्तराखंड के बाराहोती में चीन के लगभग १०० सैनिकों ने सीमा रेखा पार कर भारतीय क्षेत्र में ५ किलोमीटर तक घुसपैठ की थी । वापस जाते समय उन्होंने यहां के एक पुल को उडा दिया था, ऐसी जानकारी सामने आई थी; लेकिन सेना ने ऐसी घटना को नकार दिया था ।