Russia Recruit Soldiers : रुस में सेना में भर्ती होने के लिए वहां की सरकार दे रही है नागरिकों को भिन्न भिन्न सुविधाएं !

रूस-यूक्रेन युद्ध चालू हो कर ढाई वर्ष हो गए हैं । अमेरिका की समाचार-वाहिनी सी.एन्.एन्. द्वारा दिए गए समाचार के अनुसार, रूस को सैनिकों की कमी महसूस हो रही है । इस कारण अधिकाधिक रूस के लोग सेना में भर्ती हों, इसके लिए रूस सरकार ने नागरिकों को भिन्न भिन्न सुविधाएं (छूट) दी हैं ।

Jammu Kashmir Encounter : जम्मू-कश्मीर में २४ घंटे में २ जवान शहीद

कश्मीर में सैनिकों के बलिदान को रोकने के लिए पाकिस्तान को नष्ट करने का निर्णय केंद्र सरकार कब लेगी ?

Jihadi Terrorism in Doda Kashmir : जम्मू-कश्मीर में ४ जवान और एक पुलिसकर्मी को वीरगति प्राप्त !

कश्मीर में अंतहीन जिहादी आतंकवाद! कश्मीर में इस आतंकवाद के पीछे कौन है, यह जानते हुए भी भारतीय शासन में इसे समूल नष्ट करने की इच्छाशक्ति नहीं है, यह बात बार-बार ऐसी घटनाओं से सामने आ रही है। यह भारत के लिए लज्जासपाद है!

Indians In Russian Army : रूस की सेना में भरती भारतीयों को स्वदेश भेजने की पुतिन की घोषणा !

अपनी रूस यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्‍ट्राध्‍यक्ष व्लादिमीर पुतिन के सामने रूस की सेना में भारतीयों को छल से भारती करने का प्रश्न उपस्थित किया । तब पुतिन ने रूस की सेना में भरती भारतीयों को निष्कासित कर स्वदेश भेजने की घोषणा की ।

Israel : कट्टरपंथी यहूदियों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य करो ! – इजराइल का सर्वोच्च न्यायालय

प्रधानमंत्री नेतन्याहू की सरकार पर संकट

Israel Attack Rafah : राफाह पर इजरायल का दूसरा बडा आक्रमण : २५ लोगों की मृत्यु, तो ५० घायल !

२६ मई के आक्रमण में ४५ लोगों की मृत्यु हुई थी !

India Nuclear Power : परमाणु बम की निर्मिति में भारत पाकिस्तान से आगे !

पूरे विश्व के परमाणु बम पर ध्यान देनेवोले ‘एस्.आय.पी.आर्.आय.’ (स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिच्युट) नामक संस्था ने उसके नए आंकडों में खुलासा किया है कि भारत ने १७२ परमाणु बम बनाए हैं, तो पाकिस्तान के पास वर्तमान में १७० परमाणु बम हैं ।

chinese military equipment : चीन से खरीदे शस्त्र-अस्त्रों की निम्न गुणवत्ता से बांग्लादेश की सेना त्रस्त !

चीन की वस्तुओं की गुणवत्ता अत्यंत निम्न स्तर की होती है, ऐसा अनुभव प्रत्येक देश तथा वहां की जनता को हो रहा है। यह देखते हुए आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि आगामी कुछ वर्षों में पूरा विश्व से चीन के साथ व्यापार करने का अघोषित बहिष्कार करेगा !