काबुल हवाई अड्डे के परिसर में इस्लामिक स्टेट द्वारा आक्रमण की संभावना !

यहां के हवाई अड्डे पर अफगानों के साथ-साथ विदेशियों की भी भीड हुई है । इस भीड पर इस्लामिक स्टेट द्वारा आत्मघाती आक्रमण होने की संभावना अमेरिका, ब्रिटेन एवं ऑस्ट्रेलिया इन देशों ने व्यक्त की है ।

अफगानिस्तान से अमेरिका लाए गए अफगानी नागरिकों में सहस्रो आतंकवादी ! – डोनाल्ड ट्रम्प का दावा

‘भारत में भी तो ऐसा नहीं हुआ ?’ यह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जांचना आवश्क !

विश्व के ६० देशों ने अफगानिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता रोक दी  !

दूसरी ओर, अफगानिस्तान की सहायता करने की भूमिका चीन ने प्रस्तुत की है । तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के पश्चात अमेरिका के बैंकों में होने वाले अफगान सरकार के खाते बंद कर दिए गए हैं ।

(कहती हैं) ‘बलशाली अमेरिका को बोरिया-बिस्तर बांधकर लौटना पडा ; भारत के पास अभी भी अवसर है !’

भारतीय सेना के पास वह करने की क्षमता है, जो अमेरिका नहीं कर पाया है ; परंतु, भारतीय सेना पर विश्वास न रखने वाली महबूबा मुफ्ती इस प्रकार के वक्तव्य करेंगी ही ! इसलिए, केंद्र सरकार को उन्हें नजरबंद नहीं, अपितु कारावास में डालना चाहिए !

यदि हमारे बचाव कार्य अथवा सेना पर आक्रमण किया, तो हम स्पष्ट रूप से उत्तर देंगे ! – जो बिडेन की तालिबान को चेतावनी

२० वर्षों के संघर्ष के पश्चात भी अफगानिस्तान को तालिबान से मुक्त न कर पाने वाले अमेरिका की यह चेतावनी हास्यास्पद ही है !

देखिए Videos : तालिबानियों के डर से लाखों लोग देश छोड़कर जाने की तैयारी में !

काबुल हवाई अड्डे पर हुई गोलीबारी में ५ से अधिक लोग मारे गए 
अफगानिस्तान में भारतीय नागरिक फंसे !

भारत सहित १२ देशों की ओर से अफगानिस्तान में तालिबान को ‘राज्यकर्ता’ कहकर मान्यता देने का विरोध

केवल बारह देश क्यों ? विश्व के सभी देशों को तालिबान का विरोध कर उसका शासन होने पर अफगानिस्तान का बहिष्कार करना चाहिए !

अमेरिका अफगानिस्तान के दूतावास के कर्मचारियों को वापस लाने के लिए ३ सहस्र सैनिक भेजेगा !

अफगानिस्तान में तालिबान अधिक से अधिक शहरों को अधिकार में लेने के डर से अमेरिका ने अफगानिस्तान में रह रहे उसके नागरिकों को बाहर निकालने की तैयारी की है ।

अफगानिस्तान को स्वयं की लडाई स्वयं ही लडनी पडेगी ! – अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन

पहले अफगानिस्तान की रक्षा का दायित्व अमेरिका ने लिया था ; परंतु, अब अमेरिका अपना दायित्व अफगानिस्तान पर ही मढ रहा है । इससे अमेरिका का वास्तविक स्वरूप ध्यान में आता है !

भारत वर्ष २०३० तक प्रत्येक क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करेगा ! –भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा

वे ‘जिंदाल युनिवर्सिटी स्कूल ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेन्स’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे ।