डॉ. जयशंकर ने कनाडा को सुनाया !
वॉशिंग्टन (अमेरिका) – कनाडा ने आतंकवादी तथा आतंकवादी कार्रवाईयों में सहभागी लोगों का साथ दिया है । ऐसे लोगों को कनाडा में स्थान मिला है । अमेरिकी कनाडा को अलग दृष्टि से देखते हैं; पर हमारे लिए कनाडा एक ऐसा देश है जो भारतविरोधी कार्रवाइयों का केंद्र है । भारत में संगठित अपराध में सहभागी लोग कनाडा भाग जाते हैं । कनाडा में मानव तस्करी, अलगाववाद, हिंसा तथा आतंकवाद का मिश्रण परिसीमा पर है, ऐसे शब्दों में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस्. जयशंकर ने कनाडा को पुन: सुनाया । वह अभी अमेरिका की यात्रा पर हैं । वे यहां हडसन इन्स्टिट्यूट के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे ।
#WATCH | Washington, DC: On India- Canada row, EAM Dr S Jaishankar says, “…For us, it has certainly been a country where, organized crime from India, mixed with trafficking in people, mixed with secessionism, violence, terrorism. It’s a very toxic combination of issues and… pic.twitter.com/tLGgQ15QdO
— ANI (@ANI) September 29, 2023
कनाडा में राजनैतिक कारणों से खालिस्तानी आतंकवादियों को आश्रय मिलता है !
डॉ. जयशंकर ने आगे कहा कि कनाडा ने भारत पर जो आरोप लगाए हैं, वेे तथ्यहीन हैं । कनाडा में राजनैतिक लाभ के कारण खालिस्तानी आतंकवादियों को आश्रय दिया जाता है । वहां आतंकवादी तथा हिंसक कार्रवाईयों का साथ देने के लिए अच्छा वातावरण है । उन्हें कनाडा के राजनैतिक कारणों से स्वतंत्रता मिली है ।
भाषण स्वतंत्रता का उपयोग हिंसा को भडकाने के लिए नहीं हो सकता !
यहां एक पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है । हमें अन्यों से भाषण स्वतंत्रता क्या है, यह सीखने की आवश्यकता नहीं है; केवल हम लोगों को यह कह सकते हैं कि भाषण स्वतंत्रता हिंसा को भडकानेवाली नहीं हो सकती । हमारे लिए यह स्वतंत्रता का दुरुपयोग है ।
भारत के स्थान पर यदि आप होते तो क्या करते ?
इस समय डॉ. शंकर ने उनसे प्रश्न पूछे, ‘यदि भारत के स्थान पर कोई अन्य देश होता, उनके अधिकारियों को, दूतावास को तथा नागरिकों को धमकियां मिलती, उनकी सुरक्षा पर संकट होता, तो वह क्या करता ? यदि आप मेरे स्थान पर होते, तो आपने क्या कहते तथा क्या करते ? यदि यह सब आपके दूतावास के अधिकारी तथा नागरिक होते, तो आपकी प्रतिक्रिया क्या होती ?’