शामली (उत्तर प्रदेश) के मदरसा में मौलाना ने १४ वर्ष की लडकी का बलात्कार किया !
मदरसाओं में ऐसी घटनाएं निरंतर घट रही हैं । अत: पूरे देश में सभी मदरसाओं पर प्रतिबंध लगाकर वहां के बच्चों को मुख्य प्रवाह में शिक्षा देना ही समय की आवश्यकता है !
मदरसाओं में ऐसी घटनाएं निरंतर घट रही हैं । अत: पूरे देश में सभी मदरसाओं पर प्रतिबंध लगाकर वहां के बच्चों को मुख्य प्रवाह में शिक्षा देना ही समय की आवश्यकता है !
प्रशिक्षण संस्था के नाम पर अनधिकृत मदरसा आरंभ करने तक क्या पुलिस सो रही थी ? इसके लिए उत्तरदायी पुलिस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए !
ईरान के प्रमुख का चयन करनेवाले विशेषज्ञों में से एक मौलाना ने दी जानकारी !
नमाजपठन की ओर भी लोगों की अनदेखी !
ईरान के शासक अमानवीय हैं एवं उनकी तानाशाही का आधार इस्लाम होने की जनभावना !
‘इत्तेहादे मिल्लत कौंसिल’ के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा की भडकाउ चुनौती !
किसी में भी भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ करने जितना दम न होने का दावा !
वासनांध मौलवी ! मौलवी ने रात भर युवक को गालियां दी तथा उसे मारने की बात भी युवक ने पुलिस को बताई । मौलवी के विरोध में अपराध प्रवेश कर उसे बंदी बनाया गया है ।
मदरसों में होनेवाली ऐसी घृणित घटनाएं समय-समय पर उजागर होती रहती हैं । इसलिए, इंग्लैंड के इस्लामी स्कालर आरिफ अजाकिया ने कहा है कि भारत के सभी मदरसों को ताला लगाकर वहां के बच्चों को मुख्य धारा के विद्यालयों में शिक्षा देनेवाला कानून बनाने का समय अब आ गया है !
एक ओर जो लोग भारतीय संविधान के नाम पर सारी सुविधाओं का लाभ लेते हैं, अपनी सुविधा के अनुसार संविधान का उपयोग करते हैं , वही संविधान जब उन्हें झंडा फहराने के लिए कहता है तो धर्म के नाम पर फहराने से मना करते हैं, ऐसे लोगों को अब देश से बाहर करने की आवश्यकता है ।
सऊदी अरेबिया में सामाजिक माध्यमों का उपयोग करने के अपराध में अवाद अल-कार्नी नामक ६५ वर्षीय मौलवी को फांसी का दंड सुनाया गया है । ‘द गार्डीयन’ दैनिक ने ऐसा समाचार दिया है ।
इस्लामिक स्टेट द्वारा जिस प्रकार लोगों को मारा गया, यदि पाकिस्तानी मौलवी उसे ‘जिहाद’ कहते हैं, जिसका अर्थ ‘पवित्र युद्ध’ है, तो सच्चे इस्लामवादियों को कहना होगा कि यह इस्लाम के साथ विश्वासघात है ।
हिन्दू धर्म को छोडकर अन्य पंथों के धर्मगुरू उनको उनके पंथानुसार नियमों का पालन करने को बताते हैं । लेकिन हिन्दुओं को सर्वधर्मसमभाव की शिक्षा देने के कारण वे धर्म पालन नहीं करते, बल्कि इसके विपरीत धर्म विरोधी कृत्य करने में स्वयं को धन्य मानते हैं !